पेशे से टैक्सी चलाने वाले देबेंद्र के हीरो बनने की कहानी कुछ इस तरह से है कि उन्होंने एक पैसेंजर को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल हवाई अड्डे से बैठाया और उन्हें पहाड़ गंज पर छोड़ दिया। लेकिन कुछ देर बाद ही देबेंद्र को एहसास हुआ कि उस पेसेंजर ने अपना एक बैग उसकी गाड़ी में छोड़ दिया है।
बैग में कुल 8 लाख रुपए
देबेंद्र ने उस बैग को खोलना सही नहीं समझा और वापिस आ कर हवाई अड्डे पर उस बैग को पुलिस को दे दिया। पुलिस ने जब वो बैग खोला, तो उन्हें सोने की ज़्वेलरी, एक आईफोन, लैपटॉप, कैमरा और कुछ अमेरिकी डॉलर मिले। इस बैग में मिले समान और कैश को जोड़ा जाए, तो कुल 8 लाख रुपए बनते थे।
शादी का कार्ड
पुलिस को मोबाइल फोन से एक नम्बर हाथ लगा, जब उस पर कॉल की गई, तो बैग खोने वाली एक महिला निकली, जिसका इंटरव्यू अमेरिकी एम्बेसी में था। उस बैग से एक शादी का कार्ड भी निकला, जिस पर लिखे नम्बर पर कॉल कर के उस महिला तक खबर पहुंचाई गई। उस महिला का नाम वाणी बताया गया है। वो जब पुलिस स्टेशन पहुंचीं तो उन्होंने न सिर्फ पुलिस, बल्कि देबेंद्र को भी धन्यवाद कहा।