कैलिफोर्निया में हिंदू समुदाय की मेहनत रंग लाई, पुस्तकों में बदलाव के लिए शिक्षा बोर्ड हुआ राजी
मंगलवार को अमेरिका में रह रहे हिंदू अमेरिकी समुदाय को ऐतिहासिक जीत मिली. शिक्षा अधिकारियों ने स्कूल की किताबों में हिंदू धर्म और भारत का सटीक, न्याय सम्मत और सांस्कृतिक रूप से सही चित्रण करने की उनकी मांग को स्वीकार कर लिया है. वह ये मांग पिछले एक दशक से कर रहे थे. इन किताबों में हिंदुत्व और अन्य कई समुदायों का गलत चित्रण किया गया था.
अंतिम सुनवाई के दौरान कैलिफोर्निया शिक्षा विभाग के राज्य शिक्षा बोर्ड (एसबीई) ने हॉटन मिफलिन हारकोर्ट (ग्रेड के—6 और ग्रेड 6—8) से दो पाठ्यपुस्तक कार्यक्रमों को खारिज करने के लिए सर्वसम्मति से मतदान किया. एसबीई का यह फैसला पूरे कैलिफोर्निया के साथ-साथ फिजी, कैरेबियाई और भारत के अप्रवासी हजारों हिंदू-अमेरिकी अभिभावकों, बच्चों, शिक्षाविदों तथा समुदाय के सदस्यों से मिले प्रमाणों और पत्रों के बाद आया है.
अमेरिका में भारतीय सभ्यता और हिंदुत्व की समझ को समृद्ध करने के लिए समर्पित संगठन हिंदू एजुकेशन फाउंडेशन के शांताराम नेक्कर ने फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह वास्तव में ऐतिहासिक है. कई वर्षों के नागरिक संवाद के बाद, हिंदू अमेरिकियों को सुना जाने लगा है. उन्होंने कहा, “हालांकि कुछ पुस्तकों में संशोधन कर दिया गया है लेकिन अभी भी कई पुस्तकों में कई गलत तथ्य हैं. हम आगे भी हिंदुत्व और भारत के प्रति पूर्वाग्रह और पूर्वधारणा के खिलाफ रचनात्मक तरीके से संघर्ष करते रहेंगे.”