नई दिल्ली : 10 करोड़ गरीब परिवारों को सालाना 5 लाख रुपये का मुफ्त हेल्थ इंश्योरेंस देने वाली योजना आयुष्मान भारत (प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना) को लॉन्च हुए 50 दिन हो चुके हैं। 25 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी शुरुआत झारखंड (रांची) से की थी। योजना के तहत उन लोगों को सरकार कार्ड भेज रही है, जिनका नाम लाभार्थियों की सूची में है। अभी तक कुल 5,00 ,000 लोगों को इंश्योरेंस कार्ड का लेटर भेजा जा चुका है। देशभर से 17 अरब रुपये के दावे सरकार को मिल चुके हैं, इसमें से विभिन्न राज्यों ने 3 अरब रुपये के दावे मंजूर किए हैं।
इलाज के लिए सबसे अधिक महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों से आ रहे हैं। सरकार ने इस योजना के तहत 10 करोड़ परिवारों के करीब 50 करोड़ लोगों को सालाना 5 लाख रुपये का मुफ्त हेल्थ इंश्योरेंस देने का लक्ष्य रखा है। खर्च के मामले में यह दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है। अगले वित्त वर्ष (2019-20) से इस पर कुल 120 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है। इस वित्त वर्ष (2018-19) में 60 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसमें से 60 फीसदी योगदान केंद्र और शेष राज्य सरकारों का होगा।
सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC), 2011 के आंकड़ों का इस्तेमाल करते हुए हकदार परिवारों की सूची बनाई गई है। SECC के आंकड़ों के हिसाब से ग्रामीण इलाके की आबादी में D1, D2, D3, D4, D5 और D7 कैटिगरी के लोग आयुष्मान भारत योजना (ABY) में शामिल हैं। शहरी इलाके में 11 पूर्व निर्धारित पेशे/कामकाज के हिसाब से लोग इसमें शामिल हैं।