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भक्ति का चोला पहने इन बाबाओं की काली करतूत के काले चिट्ठे है कुछ एसे…

maनई दिल्ली: एक जमाने में समाज को सादगी और भलाई का दूसरा नाम संत माना जाता था। साधू का अर्सीथ बेहतरीन था और किसी काम की तारीफ करने के लिए वाह-वाह की जगह साधू-साधू कहने का रिवाज था। मगर इस दौर में संत-साधू या फकीर जैसे रुहानी शब्दों के मायनों को ही गंदा करने वाले कुछ चेहरे तेजी से सामने आते जा रहे हैं। महंगी लग्जरी गाडिय़ों में सफर, पांच तारा होटलों में रहन-सहन वाले ये संत (?) और ऐशो-आराम की नई परिभाषा गढ़ता साधूगिरी का ये नया चोला किसी सीईओ या बड़ी-बड़ी कंपनियों के डायरेक्टर को भी शर्मिंदा कर सकता है। मगर हिंदु धर्म के भगवा को फहराने वाले ये लोग इसी धर्म का जितना नुकसान कर रहे हैं उतना शायद कोई आतंकी संगठन या विदेशी धर्म प्रचारदल भी नहीं कर सकता। हरियाणा से जुड़े कुछ ऐसे ही चेहरों के सफर की हैरत अंगेज दास्तान।बीयर बार कारोबारी सच्चिदानंद गिरी के महामंडलेश्वर बनने के बाद एक बार फिर से भगवा रंग पर बदनुमा दाग की चर्चा तेज हो गई है। इलाहाबाद में महामंडलेश्वर बने सच्चिदानंद गिरी का असली नाम सचिन दत्ता है। उनके खिलाफ पंजाब और हरियाणा में कई आपराधिक केस दर्ज हैं इनमें धोखाधड़ी और जमीन हड़पने के मामले शामिल हैं। वे बार और डिस्कोथेक के भी मालिक हैं। उनका बालाजी कंस्ट्रक्शन नाम से एक रीयल इस्टेट का बिजनेस भी है। फिलहाल उनके बिजनेस को उनके एसडीओ पद से रिटायर पिता संभाल रहे हैं।2. खुद को देवी का अवतार मानने वाली फिलदिनों एक लड़की के मानसिक-शारीरिक प्रताडऩा के आरोप के लिए सुर्खियों में चर्चाओं में हैं। मुंबई में उस पर केस दर्ज कर लिया गया है। पंजाब के एक साधारण परिवार में जन्मी राधे मां का असली नाम सुखविंदर हैं। घर वालों का दावा है कि उसपर शुरु से ही दैवीय शक्तियां मेहरबान रही हैं। सरदार मोहन सिंह से शादी के बाद सुखविंदर दोरंगला से मुकेरिया आ गई। यहां उसकी मुलाकात श्रीश्री 1008 महंत रामदीन दास से हुई और बब्बो उर्फ सुखविंदर ने उन्हें गुरु मान लिया। इसके बाद वो मुकेरिया से कब मुंबई पहुंच गईं और पिछले दस सालों में कब उनके हजारों भक्त हो गए पता नहीं चला। गौरतलब है कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् ने राधे मां और सच्चिदानंद गिरी पर नासिक कुंभ के पहले शाही स्नान में भाग लेने पर बैन लगा दिया है।3.खुद को भगवान समझने वाले कथित बापू (हाय राम!) आसाराम इन दिनों जेल में बंद हैं। आसाराम पर एक लड़की के साथ रेप का आरोप है। उनके बेटे नारायण साईं पर भी रेप का आरोप लगा है। उनको भी जेल हुई थी लेकिन वह अभी जमानत पर हैं। आसाराम के मामले में गवाही देने वालों पर जानलेवा हमलों की फेहरित्स लगातार लंबी होती जा रही है। सूरत की रहने वाली दो बहनों ने बाप और बेटे के कारनामों का किस्सा पूरी दुनिया को सुनाया था। पीड़िता ने बताया था कि आश्रम में रहने वाली सभी लड़कियों के साथ ऐसा किया जाता था और आसाराम की पत्नी और बेटी पर लड़कियां पहुंचाने का काम करती थीं।4-हरियाणा के रहने वाले संत रामपाल को भी उनके भक्त भगवान से कम नहीं मानते हैं। 2010 में कंपनी में जूनियर इंजीनियर पद पर काम कर रहे इस इंसान को इसलिए नौकरी से निकाल दिया गया क्योंकि वह लापरवाही से काम करता था। आज उसी जूनियर इंजीनियर पर नजर डालें तो उसके पास 100 करोड़ का डेरा है और कई राज्यों में उसकी काफी संपत्ति भी है। रामपाल हरियाणा के बरवाला में स्थित 12 एकड़ के एक आश्रम है। यूपी, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश पंजाब और दिल्ली में इनके लाखों फॉलोवर्स हैं। राजस्थान, मध्यप्रदेश और दिल्ली में इनकी अकूत प्रॉपर्टी भी है। 2006 में उनके हिसार आश्रम में जमीन को लेकर विवाद हुआ था और इस विवाद में एक शख्स की हत्या हो गई थी। संत रामपाल फिलहाल जेल में हैं।

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