नई दिल्ली : मोदी सरकार आम आदमी के सस्ते घर का सपना साकार करने के लिए आज बड़ा फैसला ले सकती है। आज होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में निर्माणाधीन फ्लैट्स पर ब्याज दरों को घटाने पर फैसला हो सकता है। वहीं अफोर्डेबल हाउसिंग पर भी दरें घटाईं जा सकती हैं, अगर ऐसा होता है तो आम आदमी की जेब पर पड़ने वाला बोझ काफी कम हो जाएगा। गौरतलब है कि पिछली बैठक में काउंसिल ने मंत्रियों के समूह को जीएसटी की दरों पर चर्चा करने के लिए कहा था। इसके बाद गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल की अध्यक्षता वाले इस समूह की बैठक में निर्माणाधीन रिहायशी संपत्तियों पर जीएसटी की दर 12 फीसद से घटाकर पांच फीसद करने की वकालत की है। वहीं अफोर्डेबल हाउसिंग पर भी दरें घटाईं जा सकती है। अगर ऐसा होता है तो आम आदमी की जेब पर पड़ने वाला बोझ काफी कम हो जाएगा। गौरतलब है कि पिछली बैठक में काउंसिल ने मंत्रियों के समूह को जीएसटी की दरों पर चर्चा करने के लिए कहा था। इसके बाद गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल की अध्यक्षता वाले इस समूह की बैठक में निर्माणाधीन रिहायशी संपत्तियों पर जीएसटी की दर 12 फीसद से घटाकर पांच फीसद करने की वकालत की है। समूह ने अफोर्डेबल हाउसिंग पर भी जीएसटी की दर आठ फीसद से घटाकर तीन फीसद करने को कहा है। हालांकि रियल एस्टेट में जीएसटी की दरें घटने की स्थिति में वर्तमान में मिल रही इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा खत्म हो जाएगी। वर्तमान में निर्माणाधीन फ्लैट और रहने के लिए तैयार वैसे फ्लैट जिन्हें कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया है, पर 12 फीसद जीएसटी लगता है। इन पर इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा भी मिलती है। हालांकि कंप्लीशन सर्टिफिकेट मिलने के बाद फ्लैट की बिक्री पर जीएसटी नहीं लगता है। जब से जीएसटी लागू हुआ है, तब से कई ऐसी शिकायतें आ रहीं थीं कि बिल्डर जीएसटी के इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ ग्राहकों को नहीं दे रहे हैं। जीएसटी लागू होने से पूर्व हाउसिंग सेक्टर पर टैक्स का भार 15 से 18 फीसद था। रियल एस्टेट के अलावा काउंसिल लॉटरी पर एक समान जीएसटी लगाया जा सकता है। अभी राज्य प्रायोजित लॉटरी पर 12 फीसदी और राज्य की मंजूरी से चलने वाली लॉटरी पर 28 फीसदी जीएसटी है। महाराष्ट्र के वित्त मंत्री सुधीर मुन्गंतीवार की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के समूह ने लॉटरी पर जीएसटी 18 फीसदी से बढ़ाकर 28 फीसदी करने का सुझाव दिया है।