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‘मैं भी चौकीदार’ के जवाब में सुपरहिट कैंपेन की तलाश कर रही है कांग्रेस

लोकसभा चुनाव में आ रही तेजी के साथ-साथ राजनीतिक दलों के नारे-स्लोगन भी तय होने लगे हैं। भाजपा ने तो ऐलान कर ही दिया है कि वह ‘मैं भी चौकीदार’ कैंपेन को लेकर आगे बढ़ेगी। ‘चायवाले’ की तरह ‘मैं भी चौकीदार’ कैंपेन को हिट करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद पांच सौ जगहों पर लोगों से सीधा संवाद करेंगे।

दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी है जो अभी नारे, स्लोगन और कैंपेन पर काम कर रही है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का दावा है कि वे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के नारे ‘यस वी कैन’ जैसा कुछ तलाश रहे हैं। ’चौकीदार चोर है’ से कांग्रेस पार्टी पीछे नहीं हटी है। बहुत जल्द लोगों के सामने ‘यस वी कैन’ जैसा कोई नारा ‘मैं भी चौकीदार’ का जवाब देते हुए दिखाई पड़ेगा।

बता दें कि चुनावी नारों को लेकर कांग्रेस पार्टी अभी तक ज्यादा कुछ नहीं कर पा रही थी। लंबे समय बाद ‘चौकीदार चोर है’ जैसा नारा पार्टी के हाथ लगा था, लेकिन वह बैक फायर कर गया। अब कांग्रेस पार्टी एक ऐसा नारा तैयार करने का प्रयास कर रही है कि जिससे लोग विश्वास और भावनात्मक रुप से पार्टी के साथ जुड़ जाएं।

कांग्रेस पार्टी का घोषणा पत्र और स्लोगन तैयार करने वाली टीम के एक वरिष्ठ सदस्य का कहना है कि हम 2008 में अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में दिए गए बराक ओबामा के नारे ‘यस वी कैन’ जैसी पंचलाइन पर काम कर रहे हैं। इस नारे के बाद बराक ओबामा को जो सफलता मिली, वह किसी से छिपी नहीं है।कांग्रेस पार्टी जिस नारे पर काम कर रही है, उसमें लोगों को एक नयापन लगेगा, मगर विश्वास और भरोसे के साथ। विपक्ष यह प्रचार कर रहा है कि कांग्रेस पार्टी का नारा ‘चौकीदार चोर है, बैक फायर कर गया है, ऐसा बिल्कुल नहीं है। हम इस नारे पर ही मोदी और भाजपा को घेरेंगे। लोगों को बताया जाएगा कि जब चौकीदार था तो फिर ये इतनी घटनाएं कैसे हो गई। इसके लिए एक प्रभावी ऑडियो और वीडियो तैयार हो रहा है।

नए नारे के साथ उसे चलाया जाएगा। कांग्रेस पार्टी के अंदरुनी सर्वे के मुताबिक देश का युवा वर्ग ‘मैं भी चौकीदार हूं’ से नहीं जुड़ पा रहा है। पार्टी इसे ध्यान में रखकर ही नए नारे पर काम कर रही है। नया नारा ऐसा होगा, जिसके साथ परिवार का एक-दो सदस्य नहीं, बल्कि पूरा परिवार जुड़ेगा। हर वर्ग उस नारे को अपना मानेगा।

जब ‘गरीबी हटाओ’ के नारे ने इंदिरा गांधी को प्रचंड बहुमत दिलाया था…

1971 के चुनाव में इंदिरा गांधी ने देश में ‘गरीबी हटाओ’ का नारा दिया था। इस नारे की वजह से इंदिरा गांधी को प्रचंड बहुमत मिला और वे प्रधानमंत्री बन गईं। हालांकि उस दौरान विपक्षी महागठबंधन की ओर से ‘इंदिरा हटाओ, देश बचाओ’ का नारा दिया गया था। कांग्रेस पार्टी ने लंबे विचार विमर्श के बाद नारा दिया कि ‘गरीबी हटाओ’। इंदिरा गांधी ने अपनी जनसभाओं में विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा, ये नेता कहते हैं कि इंदिरा हटाओ, मैं कहती हूं, गरीबी हटाओ।

आपातकाल के बाद जब 1977 में लोकसभा चुनाव हुआ तो विपक्ष ने नारा दिया, ‘इंदिरा का देखो खेल, खा गई चीनी, पी गई तेल’। इसके अलावा ‘इंदिरा हटाओ, देश बचाओ’ और ‘संपूर्ण क्रांति’ जैसे नारे लोगों के जेहन में बस गए। वजह, लोग आपातकाल से त्रस्त थे। नतीजा, इंदिरा गांधी को हार का मुंह देखना पड़ा। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला का कहना है कि भाजपा का ‘चायवाला’ जैसा नारा इस बार नहीं चलेगा।

उस दौरान कांग्रेस पार्टी के प्रति लोगों में गुस्सा था, एंटी इन्कम्बेंसी फैक्टर था। जनता मोदी के कामों को देखना चाहती थी, इसलिए तब ‘अबकी बार मोदी सरकार और ‘चायवाला’ जैसे नारे सफल हो गए थे। कांग्रेस पार्टी की कैंपेन कमेटी के अध्यक्ष आनंद शर्मा और उनकी टीम ने अपना होमवर्क पूरा कर लिया है। अगले सप्ताह कैंपेन लांच कर दिया जाएगा।
मोदी का कैंपेन ‘मैं चौकीदार हूं’ केवल ट्विटर पर दिख रहा है। जनता को बहुत जल्द ‘चोरों का चौकीदार’ ‘मैं भी बेरोजगार’ हूं और ‘पूरे देश में शोर है, सिर्फ एक ही चौकीदार चोर है’ जैसे नारे देखने को मिलेंगे।

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