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दुष्कर्म पीड़िता की चिट्ठी मुझ तक पहुंचने में देरी क्यों : रंजन गोगोई

नई दिल्ली : उन्नाव की दुष्कर्म पीड़िता ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की ओर से मिल रहीं धमकियों को लेकर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को चिट्ठी लिखी थी। इसके सीजेआई तक पहुंचने में हुई देरी को लेकर जस्टिस गोगोई ने बुधवार को शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री से एक हफ्ते में जवाब मांगा। उन्होंने पूछा है कि दुष्कर्म पीड़िता के पत्र को मेरे सामने आने में इतनी देर क्यों हुई? उधर, उत्तर प्रदेश सरकार की सिफारिश के बाद केंद्र सरकार ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के साथ हुए सड़क हादसे की जांच सीबीआई को सौंप दी है। जांच एजेंसी ने कुलदीप सेंगर समेत 10 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। 20 अन्य लोगों के खिलाफ भी हत्या, हत्या का प्रयास और आपराधिक साजिश की धारा में मामला दर्ज हुआ है। 12 जुलाई को सीजेआई गोगोई को लिखे गए पत्र में पीड़िता और उसकी मां ने सुरक्षा की गुहार लगाई थी। इसमें लिखा था- उन लोगों पर एक्शन लिया जाए, जो उसे धमकाते हैं। लोग घर आकर केस वापस लेने की धमकी देते हैं। कहते हैं कि अगर ऐसा नहीं किया तो झूठे केस में फंसाकर जिंदगीभर जेल में बंद करवा देंगे। कुलदीप सिंह के भाई की धमकी के 20 दिन बाद रविवार को पीड़िता और उसका परिवार सड़क दुर्घटना का शिकार हो गया।

वहीं लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल काॅलेज ट्रामा सेंटर में पीड़िता जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है। उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। पीड़िता के परिजन मंगलवार सुबह किंग ट्रामा सेंटर के बाहर धरने पर बैठ गए। इसके बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव परिजनों से मिले तो उन्होंने धरना खत्म कर दिया। सपा ने पीड़िता के परिजनों को 16 लाख रुपए की मदद दी है। पीड़िता और परिवार रविवार को जेल में बंद चाचा से मिलने जा रहा था। तभी रास्ते में एक ट्रक ने उनकी कार को टक्कर मार दी। इसमें चाची और मौसी की मौत हो गई। पीड़िता और गाड़ी चला रहा वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे। पीड़िता ने सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। पीड़िता की हालत नाजुक बनी हुई है।

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