टॉप न्यूज़फीचर्डब्रेकिंगराष्ट्रीय

लॉकडाउन-3: जानें क्या खुलेगा और क्या बंद रहेगा?

नई दिल्ली (अशोक पाण्डे): कोरोना महामारी की स्थिति को देखते हुए भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने 16 बिंदु पर प्रेस विज्ञप्ति में इसकी जानकारी दी। मंत्रालय के अनुसार लॉकडाउन 4 मई से 17 मई 2020 तक लागू रहेगा। तो फिर जानिए किस आधार पर जोन तय किए गए हैं। और अगले दो हफ्तों के लॉकडाउन-3 में कहां पर क्या खुलेगा? और क्या बंद रहेगा?

  1. भारत सरकार ने आपदा प्रबंधन क़ानून के तहत 4 मई से अगले दो हफ्तों के लिए लॉकडाउन को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने इस समयावधि के लिए अलग-अलग दिशानिर्देश भी जारी किए हैं। देश के अलग-अलग ज़िलों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों के आधार पर उन्हें रेड यानी हॉटस्पॉट, ऑरेंज और ग्रीन श्रेणियों में बांटा गया है। जो इलाके ऑरेंज और ग्रीन श्रेणी में हैं उनमें लॉकडाउन के दौरान कुछ छूट देने की बात कही गई है।
  2. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने रेड, ग्रीन और ओरेंज ज़ोन पर 30 अप्रैल को ब्योरेवार जानकारी दी थी। ग्रीन ज़ोन वो इलाके हैं, जहां अब तक कोरोना का कोई केस नहीं है या बीते 21 दिनों से कोई नया मामला नहीं आया है।रेड ज़ोन तय करते समय एक्टिव मामलों की संख्या, पुष्ट मामलों के दोगुने होने की रफ़्तार, टेस्टिंग की संख्या और ज़िलों से मिलने वाली सर्विलांस संबंधी जानकारी पर ध्यान दिया जाता है। जो रेड या ग्रीन ज़ोन नहीं हैं, उन्हें ऑरेंज ज़ोन कहा जा रहा है। मंत्रालय सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साप्ताहिक आधार पर या ज़रूरत पड़ने पर इससे पहले ही रेड, ग्रीन और ओरेंज ज़ोन में बंटे ज़िलों की जानकारी साझा करेगा।
  3. सरकार ने पाया है कि कई ज़िलों में नगर पालिकाओं के अंदर मामलों में अंतर देखने को मिला है ऐसे में नए दिशा निर्देशों के तहत इस तरह के ज़िलों को दो अलग-अलग ज़ोन में बांटा गया है। एक ज़ोन उन इलाकों के लिए जो नगरपालिका के अंदर आते हैं और दूसरा ज़ोन उन इलाकों के लिए जो नगरपालिकाओं में नहीं आते। अगर नगरपालिका के बाहर वाले इलाकों में बीते 21 दिनों से कोई मामला नहीं आया होगा तो उन इलाकों को पूरे ज़िले में लागू स्टेज से एक स्टेज कम कर दिया जाएगा।
  4. जो भी इलाके रेड और ऑरेंज ज़ोन में हैं उन्हें कंटेमिनेटेड ज़ोन के तौर पर घोषित किया गया है। इन इलाकों की घोषणा ज़िला प्रशासन करेगा। इसके साथ ही स्थानीय प्रशासन यह भी सुनिश्चित करेगा कि कंटेनमेंट ज़ोन में सभी के मोबाइल में 100 प्रतिशत आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड हो। इन इलाकों में सघन सर्विलांस किया जाएगा, यहां घर-घर जाकर सर्विलांस होगा। इन इलाकों में ज़रूरी सेवाओं के अलावा किसी का प्रवेश या यहां से किसी को बाहर जाने की अनुमति नहीं होगी।
  5. नई गाइडलाइन के तहत देशभर में कुछ चीज़ें सभी ज़ोन में प्रतिबंधित रहेंगी। इनमें हवाई सफ़र, रेल, मेट्रो, अंतरराज्यीय सड़क परिहवन, स्कूल, कॉलेज और दूसरे शैक्षिक संस्थान और ट्रेनिंग/कोचिंग इंस्टीट्यूट, हॉस्पिटैलिटी सर्विस जिनमें होटल, रेस्टोरेंट, बड़ी संख्या में लोगों के जमा होने वाली जगहें जैसे सिनेमा हॉल, मॉल, जिम, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स आदि पूरी तरह प्रतिबंधित रहेंगे। किसी भी तरह की सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक या दूसरी सभाओं और धार्मिक जगहों पर सार्वजनिक पूजा पर प्रतिबंध रहेगा। हवाई, रेल और सड़क मार्ग से यात्रा की अनुमति सिर्फ़ उन्हीं को होगी जिन्हें गृह मंत्रालय परमिशन देगा।
  6. गैर-ज़रूरी सेवाओं से जुड़े लोगों के बाहर निकलने पर शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक प्रतिबंध रहेगा। स्थानीय प्रशासन इसे लेकर आदेश जारी करेगा। सभी ज़ोन में 65 साल से अधिक उम्र के लोग, किसी तरह की विकलांगता वाले लोग, गर्भवती महिलाएं और 10 साल से कम उम्र के बच्चों को घर में रहने के लिए कहा गया है। हालांकि ज़रूरी सेवाओं और स्वास्थ्य कारणों से बाहर निकला जा सकता है। रेड, ऑरेंज और ग्रीन ज़ोन में अस्पतालों में ओपीडी और मेडिकल क्लीनिक खोले जाएंगे लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग और सुरक्षा के एहतियात बरतने होंगे। हालांकि इसकी अनुमति उन इलाकों में नहीं होगी जिन्हें सील किया गया है।
  7. हॉटस्पॉट वाले रेड ज़ोन में साइकिल रिक्शा, ऑटो रिक्शा, टैक्सी और कैब सेवाएं, ज़िले के अंदर और अंतरजनपदीय बसों के संचालन, नाई की दुकान, स्पा और सैलून पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा।
  8. रेड ज़ोन में प्रतिबंधों के साथ कुछ चीज़ों में राहत दी गई है। निर्धारित कामों के लिए लोगों के बाहर निकलने की छूट होगी। चार पहिया वाहन में दो लोग और मोटरसाइकिल पर सिर्फ़ एक व्यक्ति के चलने की अनुमति होगी।शहरी इलाकों में औद्योगिक इकाइयों जैसे स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन और निर्यात से जुड़ी यूनिट, इंडस्ट्रियल एस्टेट और इंडस्ट्रियल टाउनशिप को कुछ प्रतिबंधों के साथ छूट दी गई है। ज़रूरी सामान बनाने वाली यूनिट जिनमें दवाइयां, फार्मास्यूटिकल्स, मेडिकल उपकरण और उनका कच्चा माल बनाने, प्रोडक्शन यूनिट और उनकी सप्लाई चेन के साथ आईटी हार्डवेयर बनाने, जूट इंडस्ट्री और पैकेजिंग मैटीरियल बनाने वाली यूनिट को भी खोलने की छूट रहेगी।शहरी क्षेत्रों में उन जगहों पर निर्माण की अनुमति दी गई है जहां काम करने वाले लोग पहले से मौजूद हैं और बाहर से किसी को लाने की ज़रूरत नहीं है। रिन्युएबल एनर्जी से जुड़े प्रोजेक्ट के निर्माण कार्यों को भी छूट दी गई है।गैर-ज़रूरी चीज़ों से जुड़ी दुकानें मॉल, बाज़ारों और मार्केट कॉम्प्लेक्स में खोलने की अनुमति नहीं दी गई है। हालांकि वो दुकानें जो बिल्कुल अलग हैं, कॉलोनी के अंदर की दुकानें, रिहाइशी कॉम्प्लेक्स में भी दुकानें खोलने की छूट होगी। इसमें ज़रूरी और ग़ैर-ज़रूरी चीज़ों से जुड़ी सभी दुकानें शामिल हैं।रेड ज़ोन में सिर्फ़ ज़रूरी चीज़ों की डिलिवरी के लिए ई-कॉमर्स सेवाओं को छूट दी गई है।प्राइवेट ऑफिस 33 फ़ीसदी स्टाफ़ के साथ खोले जा सकते हैं, बाकी के लोगों को घर से काम करना होगा।सभी सरकारी दफ़्तरों में डिप्टी सेक्रेटरी स्तर के सीनियर अधिकारियों के साथ खोलने की अनुमित होगी। इसके अलावा बाकी 33 फ़ीसदी स्टाफ़ को ज़रूरत के हिसाब से काम पर बुलाया जा सकता है। हालांकि रक्षा और सुरक्षा सेवाएं, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, पुलिस, जेल, होमगार्ड, सिविल डिफेंस, फायर और इंमरजेंसी सेवाएं, आपदा प्रबंधन और इससे जुड़ी सेवाएं, नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर, कस्टम, फूड कॉरपोरेशन, एनसीसी, नेहरू युवक केंद्र, और निगम सेवाएं पूरी तरह से चालू रहेंगी।
  9.  रेड ज़ोन में कई तरह की गतिविधियों को लागू करने का फैसला किया गया है। जैसे, ग्रामीण इलाकों में सभी तरह के इंडस्ट्रियल और निर्माण कार्य, जिसमें मनरेगा शामिल है इन्हें जारी करने का फैसला किया है। इसके साथ ही खाद्य प्रसंस्करण यूनिटों और ईंट के भट्टों को चालू करने का आदेश मिला है। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में शॉपिंग मॉल को छोड़कर बाकी दुकानें खुल सकती हैं।कृषि से जुड़ी सभी गतिविधियां भी चालू की जा सकती हैं। पशुपालन और मछलीपालन को भी शुरू किया जा सकता है, पौधारोपण के तहत आने वाले तमाम काम भी शुरू हो सकते हैं। सभी स्वास्थ्य सेवाएं जिसमें आयुष विभाग भी शामिल है, इन्हें अपना काम करते रहना होगा। इसके साथ ही वित्तीय विभाग से जुड़े सेक्टर भी खुले रहेंगे। जिसमें बैंक, नॉन बैंकिंग फ़ाइनेंस कंपनियां (एनबीएफसी), इंश्योरेंस और कैपिटल मार्केट गतिविधियां, क्रेडिट को-ओपरेटिव सोसाइटियां शामिल हैं।जनसुविधा से जुड़ी सेवाएं जैसे बिजली, पानी, सफाई, फोन और इंटरनेट भी चालू रहेंगे। इसके अलावा कूरियर और पोस्टल सेवाएं भी चालू रहेंगी।
  10. रेड ज़ोन में कई वाणिज्यिक और निजी प्रतिष्ठानों को भी काम करने की मंजूरी दी गई है। इसमें प्रिंट-इलैक्ट्रॉनिक मीडिया, आईटी और इससे जुड़ी सेवाएं, डेटा और कॉल सेंटर, कोल्ड स्टोरेज और गोदाम, प्राइवेट सेक्योरिटी सेवाएं, नाई की दुकानों को छोड़कर बाकी लोग जो खुद अपना कोई काम-धंधा करते हैं उन्हें मंजूरी होगी।
  11. ऑरेंज ज़ोन में जितनी भी गतिविधियों की मंज़ूरी रेड ज़ोन में है उसके अलावा, कैब और टैक्सी में एक ड्राइवर और एक पैसेंजर के साथ अनुमति होगी। केवल अनुमति वाली गतिविधियों के लिए ही एक ज़िले से दूसरे ज़िले में जाया जा सकेगा। चार पहियों वाली गाड़ी में अधिकतम दो सवारियां और एक ड्राइवर को अनुमति होगी जबकि दोपहिया वाहन में सिर्फ दो ही लोगों को अनुमति होगी।
  12. ग्रीन ज़ोन में सभी तरह की गतिविधियों को मंजूरी मिलेगी, सिर्फ उन गतिविधियों को छोड़कर जिनपर पूरे देश में रोक लगी है। इन इलाकों में बसें चल सकती हैं लेकिन इनमें सिर्फ 50 प्रतिशत सवारियां ही बैठ सकेंगी।
  13. मालवाहक गाड़ियों को आने जाने की अनुमति रहेगी। कोई भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश इन्हें नहीं रोक सकते और इन गाड़ियों को किसी ख़ास तरह के पास की ज़रूरत भी नहीं होगी।
  14. जिन गतिविधियों पर रोक लगाई गई है उनके इतर बाकी सभी तरह की गतिविधियां चालू हो सकती हैं। हालांकि राज्य सरकारें अपने मूल्यांकन के अनुसार ज़रूरत महसूस होने पर इन गतिविधियों को रोक भी सकते हैं।
  15. 3 मई 2020 तक लागू हुए लॉकडाउन के दिशानिर्देशों में जिन गतिविधियों को छूट मिली थी उन्हें अब किसी अलग अनुमति की आवश्यकता नहीं है। गृह मंत्रालय की तरफ़ से जारी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल (एसओपी) अभी भी जारी रहेंगे जैसे कि भारत में मौजूद विदेशी नागरिकों को उनके देश भेजने की व्यवस्था, क्वारंटीन हुए व्यक्ति को घर भेजना, अलग-अलग राज्यों में फंसे मजदूरों, छात्रों, पर्यटकों और श्रद्धालुओं को उनके अपने राज्यों में रोड या रेल के ज़रिए ले जाना।
  16. राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों को सख्ती से इन दिशा निर्देशों को लागू करवाना होगा।

 

राज्य

रेड जोन

ऑरेंज जोन

ग्रीन जोन

टोटल

1.

अंडमान निकोबार

1

0

2

3

2.

आंध्र प्रदेश

5

7

1

13

3.

अरुणाचल प्रदेश

0

0

25

25

4.

असम

0

3

30

33

5.

बिहार

5

20

13

38

6.

चंडीगढ़

1

0

0

1

7.

छत्तीसगढ़

1

1

25

27

8.

दिल्ली

11

0

0

11

9.

गोवा

0

0

2

2

10.

गुजरात

9

19

5

33

11.

हरियाणा

2

18

2

22

12.

हिमाचल प्रदेश

0

6

6

12

13.

जम्मू-कश्मीर

4

12

4

20

14.

झारखंड

1

9

14

24

15.

कर्नाटक

3

13

14

30

16.

केरल

2

10

2

14

17.

लद्दाख

0

2

0

2

18.

मध्य प्रदेश

9

19

24

52

19.

महाराष्ट्र

14

16

6

36

20.

मणिपुर

0

0

16

16

21.

मेघालय

0

1

10

11

22.

मिजोरम

0

0

11

11

23.

ओडिशा

3

6

21

30

24.

पुदुचेरी

0

1

3

4

25.

पंजाब

3

15

4

22

26.

राजस्थान

8

19

6

33

27.

तमिलनाडु

12

24

1

37

28.

तेलंगाना

6

18

9

33

29.

त्रिपुरा

0

2

6

8

30.

उत्तराखंड

1

2

10

13

31.

उत्तर प्रदेश

19

36

20

75

32.

पश्चिम बंगाल

10

5

8

23

33.

दादरा और नगर हवेली

0

0

1

1

34.

दमन और दीव

0

0

2

2

35.

नगालैंड

0

0

11

11

36.

सिक्किम

0

0

4

4

टोटल

130

284

319

733

Related Articles

Back to top button