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ग्रामीण स्वावलंबन का आदर्श उदाहरण बनेंगी महिलाएं: योगी आदित्यनाथ

स्वयं सहायता समूहों को भेजे 218.49 करोड़ रुपये, 35 हज़ार 938 परिवारों के खाते में ट्रांसफर किया फंड

58 हज़ार ग्रामीण महिलाओं को रोजगार देगी योगी सरकार

बैंकिंग करेस्पांडेंट सखी’ के रूप में करेंगी काम, घर-घर पहुंचाएंगी बैंक सुविधाएं

लखनऊ: कोरोना आपदा के बीच ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के आर्थिक स्वाबलंबन के लिए सरकार आगे आयी है। सरकार ने समूह बनाकर सिलाई कढ़ाई, दोना-पत्तल, मसाला उत्पादन और कोरोना काल में मास्क निर्माण जैसे कामो में लगी महिलाओं को बड़ी सहायता दी है। स्वयं सहायता समूहों से जुडी ये ज्यादातर महिलायें कामगारों और श्रमिकों के परिवारों की हैं। इनमे बड़ी संख्या में वंचित समाज की महिलायें भी हैं। 196 वनटांगिया, 366 थारू और 2477 मुसहर जनजाति की महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को भी यह सहायता मिली है। जनपद सिद्धार्थनगर और लखीमपुर खीरी में पीपीई बना रहे महिला स्वयं सहायता समूहों को भी यह सहायता मिली है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को 35 हज़ार 938 परिवारों को 218.49 करोड़ रुपए का रिवॉल्विंग फंड प्रदान किया है। यह फंड ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत दिया गया है। इस फंड का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार और स्वावलंबन को बढ़ावा देना है। इसी के साथ मुख्यमंत्री ने 58 हजार ग्रामीण महिलाओं को “बैंक कॉरेस्पोंडेंट सखी” के रूप में रोजगार देने की भी घोषणा की है, ये महिलायें ग्रामीण क्षेत्र में घर-घर जाकर लोगों को बैंक सुविधाएं उपलब्ध कराने का काम करेंगी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इस कोरोना संकट के समय में भी हमारे महिला स्वयं सेवी संगठन हर संभव योगदान दे रहे हैं और कुछ तो स्वयं सेवी समूह ऐसे हैं, जिन्होंने इस मुश्किल वक्त में पीपीई किट का प्रोडक्शन भी किया है। इस से यह साबित होता है कि इस तरह के समूह अत्यंत प्रतिभाशाली हैं, जिन्हें यदि थोड़ा मार्गदर्शन और सहयोग दे दिया जाए तो वो कुछ भी करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि यदि हम लोग महिला स्वयं समूहों को समय पर रिवॉल्विंग फंड और कम्युनिटी इन्वेस्टमेंट फंड उपलब्ध करवा देते हैं, तो ये ग्रामीण स्वावलंबन का एक आदर्श उदाहरण बन कर उभर सकते हैं।

कार्यक्रम में ग्राम्य विकास मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह (मोती सिंह) ने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में ग्राम्य विकास विभाग द्वारा लगातार उल्लेखनीय कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करके ही प्रदेश को ऊर्जित किया जा सकता है।

इस अवसर पर ग्राम्य विकास राज्य मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ला, मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी, कृषि उत्पादत आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल तथा संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह, सूचना निदेशक शिशिर,आई0सी0आई0सी0आई0 बैंक के अधिकारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

प्रवासी श्रमिकों की प्रतिभा से यूपी बनेगा ब्रांड: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने विभिन्न जिलों के स्वयं सहाय समूह की महिलाओं और प्रवासी श्रमिकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत भी की। इन स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हुई अधिकतर महिलाएं प्रवासी कामगारों और श्रमिकों के परिवारों की हैं। मुख्यमंत्री ने बैंकिंग करेस्पांडेंट सखी की भी घोषणा की जिसके तहत 58 हज़ार ग्रामीण महिलाओं को रोजगार मिलेगा।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार सभी प्रवासी कामगार और श्रमिकों को उनकी स्किल के अनुसार प्रदेश में रोजगार देगी, साथ ही उनकी हर सम्भव सहायता की जाएगी, जिससे उनकी प्रतिभा का लाभ उत्तर प्रदेश को मिलेगा और देश और दुनिया के सामने उत्तर प्रदेश प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी स्थान पर होगा। उन्होंने कहा कि हम उत्तर प्रदेश को रेडीमेड गारमेंट्स का हब और ब्रांड बना सकते हैं।

बड़ा कदम, 58 हज़ार ‘बैंकिंग करेस्पांडेंट सखी’ बनाने की घोषणा

मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि हम एक नया कार्य प्रारंभ करने जा रहे हैं, जिसका नाम है बैंकिंग करेस्पांडेंट सखी। जिसमें गांव की महिलाएं बैंकों से जुड़कर पैसे के लेनदेन को घर घर जाकर करवाएंगी। बैंक जाने की आवश्यकता ही नहीं होगी। ये सारा लेनदेन डिजिटल होगा।इससे कोरोना संक्रमण का खतरा तो कम होगा ही, साथ में गांव की महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा।

उन्होंने कहा कि हम 58 हज़ार बैंकिंग करेस्पांडेंट सखी की घोषणा कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि इन सखियों को तत्काल तैनात करने की व्यवस्था की जाए। बैंकिंग करेस्पांडेंट सखी को 4 हज़ार रुपए महीने, आगामी 6 महीनों तक प्रदान किए जाएंगे। डिवाइस के लिए भी 50 हज़ार रुपए उन्हें दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त बैंक भी उनको लेनदेन पर कमिशन देगा, जिससे उनकी हर महीने एक निश्चित आए बन जाएगी। उन्होंने कहा कि अब बैंकों के चक्कर नहीं लगाने होंगे, बैंक खुद चलकर आपके पास आयेगा।

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