गृह विभाग में आरटीआई दंड वसूली के 248 मामले, रु0 58.34 लाख बकाया
लखनऊ: एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर को प्राप्त सूचना के अनुसार गृह विभाग में आरटीआई अर्थ दंड के कुल 248 मामलों में रु 58.34 लाख की वसूली शेष है,आरटीआई एक्ट की धारा 20 में सूचना आयोग को सूचना देने में हीलाहवाली करने वाले जन सूचना अधिकारी (पीआईओ) पर अर्थ दंड लगाने का अधिकार है, जिसकी अधिकतम राशि रु0 25,000 है।
इस दंड की वसूली की जिम्मेदारी संबंधित विभाग की होती है, गृह विभाग में वर्तमान में कुल 248 मामलों में दंड की वसूली होनी शेष है। इसमें सबसे पुराना मामला 29 नवम्बर 2007 को पीआईओ, एसएसपी मेरठ कार्यालय पर रु 25000 के दंड का है, जबकि 24 अप्रैल 2008 को पीआईओ एसपी मेरठ ग्रामीण कार्यालय पर 02 मामलों में रु0 25000 का दंड लगा था, सर्वाधिक दंड वसूली आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर के 08 मामलों में शेष है।
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इसमें एडीजी तनूजा श्रीवास्तव से 04 मामलों में रु0 85000 तथा गृह विभाग के अनुभाग अधिकारी शरद सक्सेना से 04 मामलों में रु0 1,00,000 की दंड वसूली होनी है, नूतन के अनुसार पीआईओ के सूचना देने के प्रति लापरवाह होने का एक महत्वपूर्ण कारण इतने लम्बे समय तक दंड वसूली नहीं होना है।
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