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दिल्ली से अमृतसर के बीच होगा हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर का निर्माण, मांगे गए ई-टेंडर

दिल्ली से अमृतसर के बीच होगा हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर का निर्माण, मांगे गए ई-टेंडर
दिल्ली से अमृतसर के बीच होगा हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर का निर्माण, मांगे गए ई-टेंडर

नई दिल्ली: नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने दिल्ली और अमृतसर के बीच बनने वाले हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए ऑनलाइन ओपन ई-टेंडर मंगवाए हैं, जिसमें अलाइनमेंट डिजाइन, एरियल एलआईडीएआर सर्वे और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर संबंधी कार्य शामिल हैं। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 28 दिसम्बर, 2020 है, जबकि प्राप्त सभी आवेदन 29 दिसम्बर को खोले जाएंगे।

एनएचएसआरसीएल को इस हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर के विकास, कार्यान्वयन और रखरखाव की जिम्मेदारी सौंपी गई है। दिल्ली-अमृतसर हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और अमृतसर के बीच यात्रा के समय को काफी कम कर देगा।

एनएचएसआरसीएल को अभी कॉरिडोर को लेकर और उन सभी स्टेशनों के बारे में खास जानकारियां जुटानी हैं, जिन्हें ये हाई-स्पीड कॉरिडोर कवर करेगा। इस हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर की कुल लंबाई 459 किलोमीटर होगी।

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भारतीय रेलवे देश में 10 रेल मार्गों पर हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर निर्माण की योजना बना रहा है। इसमें से 6 कॉरिडोर दिल्ली से शुरू होंगे। दिल्ली से मुंबई, कोलकाता, वाराणसी, भोपाल, अमृतसर और अहमदाबाद के बीच हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर बनाए जाने की योजना है। इसके अलावा नागपुर-मुंबई, पटना-कोलकाता, चेन्नई-बेंगलुरु और चेन्नई-मैसूर के बीच हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर बनाए जाने की योजना है।

इन सभी 10 हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर के 2025-26 तक पूरा होने का लक्ष्य तय किया गया है। इन कॉरिडोर की अनुमानित लंबाई 6 हजार किलोमीटर है। इन पर करीब 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान है।

आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत इस प्रोजेक्ट के लिए घरेलू कंपनियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी के तहत मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के 70% से ज्यादा टेंडर घरेलू कंपनियों को दिए गए हैं।

एसोचैम के एक वेबिनार में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और मुख्य कार्यकारी अधिकारी वीके यादव ने कहा कि बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का अधिकांश हाई-वैल्यू टेक्नीकल वर्क भारतीय कंपनियों की ओर से किया जाएगा। वहीं, जापानी कंपनियां सिग्नलिंग, टेलीकॉम और रोलिंग स्टॉक से जुड़ा काम करेंगी।

मुंबई-अहमदाबाद के बीच बनाए जा रहे बुलेट ट्रेन कॉरिडोर की लंबाई 508 किलोमीटर है। इस कॉरिडोर पर 1.10 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसमें से 88 हजार करोड़ रुपये का लोन जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी की ओर से दिया जा रहा है।

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