जीवनशैलीस्वास्थ्य

आयुर्वेद की इन बातों को अपने जीवन में करे शामिल, हमेशा रहेंगे हेल्दी

आयुर्वेद में शरीर के विभिन्न रोगों के लिए तीन दोषों को जिम्मेदार माना गया है। वात, पित्त और कफ। शरीर में इन तीनों दोषों की कमी या अधिकता होने पर ही कई तरह की बीमारियां घेर लेती हैं। अगर शरीर को स्वस्थ रखना है तो सही आहार लेना होगा।लॉकडाउन ने सभी के रूटीन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। घर पर रहने की वजह न टाइम पर खाना-पीना हो पा रहा है और न ही नींद जल्दी आ पाती है। ऐसे में बहुत से लोगों को शारीरिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है, तो आयुर्वेद में बताए गए आहार का नियमित सेवन करने से शरीर में बीमारियों के होने की संभावना घट जाती है।

अगर आप सब्जियों को पूरी तरह या ज्यादा गला कर खाते हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि आप उसे बहुत ज्यादा न पकाएं। ऐसा करने से उनके पोषक तत्व कम होते हैं। लेकिन अगर आप उनको कच्चा छोड़ देंगे, तो ये आपकी सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकती हैं। खाना बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि आप सब्जियों को न तो ज्यादा पकाएं न ही उन्हें कच्चा छोड़ें।

आयुर्वेद में गर्म पानी पीने के बहुत से फायदे बताए गए हैं। इसको पीने से शरीर के दूषित पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती हैं। अगर कोई नियमित रुप से हर घंटे गर्म पानी का सेवन करता है तो इससे शरीर का मेटाबॉलिज्म सिस्टम सही रहता है और त्वचा चमकदार बनी रहती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए खड़े मसालों को तवे पर भूनकर और पीसकर इसका इस्तेमाल करें। खासतौर पर सर्दियों या बरसात के मौसम में अदरक को तवे पर भून कर खा सकते है।

सालों में जीरे का इस्तेमाल तो भारतीय थाली में होता ही है। इसके साथ ही आयुर्वेद कहता है कि अगर जीरे को नियम से अपने आहार में शामिल किया जाए तो यह पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है। जीरों के दानों को रात में भिगोकर सुबह खाली पेट इसके पानी का सेवन करने के बहुत सारे फायदे हैं। आयुर्वेद में शुद्ध देसी घी को बटर से ज्यादा प्राथमिकता दी गई है। घी का नियमित सेवन करने से ये शरीर के दूषित पदार्थों को बाहर निकालने का काम करता है। ये बाजार में मिलने वाले बटर से ज्यादा आसानी से पच जाते हैं।

गेंहूं में फाइबर होता है। लेकिन इसका ज्यादातर फाइबर ब्राउन वाले भाग में होता है। तो आप जब भी आटा इस्तेमाल करें इस बात का ध्यान रखें कि इसे बिना छाने इस्तेमाल करें। चोकर वाला आटा सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। ठंडा खाना खाने से बचें। यह आपके पाचन को प्रभावित कर सकता है। इसके साथ ही इस बात का ध्यान भी रखें कि पूरा पेट भर कर कभी न खाएं। आयुर्वेद के अनुसार भरपेट न खाने से भोजन आसानी से पचता है।

आयुर्वेद के अनुसार मीठा कम खाना चाहिए। आप मीठे के विकल्प के तौर पर शहद या गुड़ का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह आपको डायबिटीज जैसे रोगों से बचा सकता है।

Related Articles

Back to top button