मध्य प्रदेशराज्य

एलिजिबिलिटी टेस्ट पास 2000 अभ्यर्थी 39 दिन से आमरण अनशन पर

भोपाल: मध्यप्रदेश 2018 में टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट के माध्यम से पास हुए ओबीसी वर्ग के 2000 अभ्यर्थी पिछले 4 साल से अपनी जॉइनिंग की बाट जोह रहे हैं लेकिन अभी तक उन्हे नियुक्ति नहीं मिली है, परेशान अभ्यर्थियों ने अब थक-हार कर राजधानी भोपाल में धरना दे दिया है, लोक शिक्षण संचनालय के बाहर बैठे अभ्यर्थियों ने सरकार से रो-रोकर गुहार लगाई है कि सरकार उनके हित में फैसला ले, गुरुवार को उनकी हड़ताल का 39 वां दिन था।

वही अब उनके 6 साथी 4 दिन से आमरण अनशन पर बैठ गए हैं उन्होंने अन्न और जल तक त्याग दिया है उनका कहना है कि हमें जॉइनिंग से कम कुछ भी मंजूर नहीं है हम दो हजार अभ्यार्थी हैं और 6000 वैकेंसी हैं उसके बावजूद भी सरकार हमें जॉइनिंग नहीं दे रही सरकार ओबीसी आरक्षण की बात कहकर हमें टाल रही है कोर्ट में मामला होने की बात कहकर टाल रही है जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है हम सरकार से मांग करते हैं निवेदन करते हैं कि हमें जॉइनिंग दी जाए।

गौरतलब है, कि मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती 2018 की प्रक्रिया स्कूली शिक्षा विभाग ने शुरू की, इसमें वर्ग एक के लिए 17 हजार पद और जनजातीय कार्य विभाग ने दो पद का विज्ञापन जारी किया था। इसके लिए फरवरी 2019 में परीक्षा भी हुई, जिसमें प्रथम चरण में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर आरक्षित करते चयन प्रक्रिया 10 जनवरी 2020 से शुरू की जो जुलाई 2021 तक चली। इसी आधार पर मेरिट में आए सभी अभ्यार्थियों की प्रावधिक चयन सूची और प्रावधिक प्रतीक्षा सूची में नाम आने के बाद दस्तावेजों का सत्यापन किया गया।

अक्टूबर 2021 में सभी विषयों के 8,292 अभ्यर्थियों की नियुक्ति कर दी गई, इसमें 11 विषयों में प्रावधिक चयन सूची से ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया लेकिन चार विषयों में ओबीसी को सिर्फ 14 फीसदी आरक्षण दिया गया। इन विषयों के 13 फीसदी पद होल्ड किए गए। अन्य पिछड़ा वर्ग से चयनित शिक्षकों का आरोप है कि ओबीसी के 13 प्रतिशत पद होल्ड करने के संबंध में किसी भी न्यायालय का लिखित स्थगन आदेश विभाग के पास नहीं है और न ही किसी वरिष्ठ कार्यालय से कोई रोक है। साढ़े छह हजार से अधिक पद खाली होने के बावजूद भी प्रतीक्षा सूची और होल्ड अभ्यर्थियों की पदस्थापना सूची जारी नहीं की गई है, जिससे ओबीसी के चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति से वंचित हैं।

स्कूल शिक्षा विभाग ने 16 मार्च को इसी साल फिर सभी विषयों की प्रतीक्षा सूची जारी की, मगर चार विषयों के छह सौ अभ्यार्थी होल्ड पर हैं और प्रतीक्षा सूची में 14 सौ अभ्यार्थी प्रभावित हैं। इस तरह कुल दो ओबीसी अभ्यार्थी नियुक्ति से वंचित है, इनमें से ज्यादातर अभ्यर्थियों को आर्थिक और मानसिक प्रताड़ना के दैार से गुजरना पड़ रहा है। तीन अप्रैल से ये चयनित छात्र अनिश्चित भूख हड़ताल पर हैं। अब सोमवार से अनिश्चितकालीन आमरण अनशन शुरू कर दिया है।

Related Articles

Back to top button