सेना की नई भर्ती स्कीम सरकार के लिए भी बनी ‘अग्निपथ’, सड़कों पर छात्र, बोले- 4 साल बाद कहां जाएंगे
नई दिल्ली : सेना में भर्ती के लिए लॉन्च की गई अग्निपथ स्कीम पर आगे बढ़ना सरकार के लिए भी ‘अग्निपथ’ साबित हो सकता है। बिहार से लेकर राजस्थान तक में युवा सड़कों पर उतर आए हैं और इस स्कीम का विरोध कर रहे हैं। इसके अलावा विपक्षी दलों, कैप्टन अमरिंदर सिंह और वरुण गांधी जैसे नेताओं ने भी इस योजना पर सवाल खड़े किए हैं। बिहार में लगातार दूसरे दिन इस स्कीम के खिलाफ आंदोलन हो रहा है। मुंगेर, सहरसा, छपरा और मुजफ्फरपुर जैसे जिलों में युवा सड़कों पर उतर आए हैं। कहीं रेल की पटरियों पर बैठे हुए हैं तो कहीं टायरों में आग लगाकर प्रदर्शन किया जा रहा है।
यही नहीं राजस्थान में बुधवार को अजमेर-दिल्ली हाईवे पर युवा सड़कों पर उतर आए और स्कीम के खिलाफ विरोध किया। करधनी पुलिस थाने के एसएचओ बनवारी मीणा ने कहा कि करीब 150 आंदोलनकारियों ने सेना में भर्ती के पुराने तरीके को बहाल करने की मांग करते हुए हाईवे जाम कर दिया। दरअसल युवाओं का कहना है कि महज 4 साल की नौकरी से उनके करियर का नुकसान होगा और वे अपने कीमती वर्ष सेना को देने के बाद युवावस्था में ही बेरोजगार हो जाएंगे। बिहार के जहानाबाद में सेना भर्ती के पुराने तरीके को बहाल करने की मांग करते हुए अभ्यर्थियों ने जमकर प्रदर्शन किया।
एक आंदोलनकारी छात्र ने कहा, ‘हमने सेना में भर्ती के लिए बहुत मेहनत की है। आखिर 4 साल की नौकरी कैसी होगी, जिसमें कुछ महीने ट्रेनिंग और छुट्टियों के होंगे। सिर्फ तीन साल के लिए ही जब हमारी ट्रेनिंग होगी तो हम कैसे देश की रक्षा कर सकेंगे। सरकार को इस स्कीम को वापस लेना चाहिए।’ एक अन्य अभ्यर्थी ने कहा, ‘चार साल की नौकरी के बाद हम कहां जाएंगे? 4 साल की सर्विस के बाद हम बेघर हो जाएंगे। हमने सड़कों को जाम कर दिया है और देश के नेताओं को यह समझ लेना चाहिए कि युवा अब जाग चुका है।’
आंदोलनकारी छात्रों का कहना है कि सरकार को इस स्कीम को रद्द करना चाहिए। सेना में भर्ती के पुराने तरीके को ही बहाल करना चाहिए। बिहार में चल रहे इस आंदोलन की आग दूसरे राज्यों में भी जल्दी ही फैल सकती है। बता दें कि पूर्व सैनिकों का भी एक तबका इससे सहमत नहीं है। उनका कहना है कि इससे सेना की गरिमा प्रभावित होगी और सुरक्षा के लिहाज से भी बेहतर नहीं है। इस बीच भाजपा के सांसद वरुण गांधी ने भी ट्वीट कर सवाल उठाया है। उन्होंने लिखा, ‘अग्निपथ योजना को लेकर देश के युवाओं के मन में कई सवाल हैं। युवाओं को असमंजस की स्थिति से बाहर निकालने के लिए सरकार अतिशीघ्र योजना से जुड़े नीतिगत तथ्यों को सामने रख कर अपना पक्ष साफ करे। जिससे देश की युवा ऊर्जा का सकारात्मक उपयोग सही दिशा में हो सके।’