इन अचूक उपायों से पा सकते हैं अपने दुश्मनों से छुटकारा
किसी शायर ने कहा है मतलबी हैं लोग यहाँ पर, मतलबी जमाना, सोचा साया साथ देगा निकला वो बेगान, बेगान. . . अपनों में मैं बेगान. . . इंसान का जिन्दगी में दो तरह के इंसानों से वास्ता पड़ता है जिसे वह दोस्त व दुश्मन के रूप में बांटता है। हालांकि आजकल सच्चा दोस्त मिलना बहुत मुश्किल होता है, हाँ दुश्मन जरूर बन जाते हैं या मिल जाते हैं। कठिन परिस्थितियों में अपना जीवन गुजार रहा होता व्यक्ति अपने दुश्मनों की वजह से काफी तंग आ चुका होता है। स्वयं को इन परिस्थितियों से उबारने के लिए वह ज्योतिषियों की चक्कर लगाने लगता है। अपने ज्ञान के आधार पर ज्योतिषी कुछ उपायों का सुझाव देते हैं। मान्यता है कि इन उपायों को करने से व्यक्ति के दुश्मनों की संख्या में कमी आ जाती है। इसके साथ ही उनके दुश्मन परास्त होंगे और उनके द्वारा रचा गया षड्यंत्र स्वत: निष्क्रिय हो जायेगा। ये उपाय तभी किये जाने चाहिए, जब आप अपने दुश्मनों से आजिज आ गये हों। यह उपाय किसी दुर्भावना से प्रेरित होकर नहीं करना चाहिए अन्यथा ये उपाय खुद पर भारी पड़ सकते हैं।
- जब आप शत्रु और विरोधी से ज्यादा परेशान हो गए हों तो रोजाना प्रतिदिन प्रात:काल जल में रोली मिलाकर सूर्य को अघ्र्य दें तथा सुबह और शाम नृसिंह भगवान की उपासना करें। हर बृहस्पतिवार उनको लाल फूल अर्पित करके दुश्मनों से बचाव के लिए प्रार्थना करें।
- आपका दुश्मन यदि आपको बेवजह अधिक परेशान कर रहा है तो 21 दिन तक रोजाना भोजपत्र पर लाल चंदन से उस व्यक्ति का नाम लिखकर उसे शहद की डिब्बी में भिगोकर रखें। पहले दिन से ही आपके शत्रु की सक्रियता कम हो जायेगी।
- शत्रु को शांत करने के लिए 38 दाना काले उड़द की दाल और 40 दाना चावल को मिलाकर किसी गड्ढे में रखें और उसके ऊपर नीबू निचोड़ दें। नीबू को निचोड़ते समय लगातार अपने शत्रु का नाम लेते रहें। ऐसा कम से कम 11 दिन करें। इस उपाय से आपका शत्रु शांत हो जाएगा।
- शत्रु को शांत करने के लिए आप नियमित रूप से प्रात: काल हनुमानजी को गुड़ या बूंदी का भोग लगाएं तथा उन्हें लाल रंग का फूल चढ़ाएं। साथ ही नियमित रूप से बजरंग बाण का पाठ करें।