देश में उठे ‘काली’ विवाद पर बोले PM मोदी- मां काली का आशीर्वाद हमेशा भारत के साथ
कोलकाता. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने रविवार को कहा कि देवी काली (Devi Kaali) का आशीर्वाद हमेशा देश के साथ है, जो दुनिया के कल्याण के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है। यहां रामकृष्ण मिशन द्वारा आयोजित स्वामी आत्मस्थानंद के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वामी रामकृष्ण परमहंस, एक ऐसे संत थे जिन्होंने मां काली का स्पष्ट साक्षात्कार किया था और उनका मानना था कि ये सम्पूर्ण जगत, मां की चेतना से व्याप्त है।
मोदी ने कहा, ‘‘स्वामी रामकृष्ण परमहंस, एक ऐसे संत थे जिन्होंने मां काली का स्पष्ट साक्षात्कार किया था। उन्होंने मां के चरणों में अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया था। वह कहते थे- यह सम्पूर्ण जगत, ये चर-अचर, सब कुछ मां की चेतना से व्याप्त है। यही चेतना बंगाल की काली पूजा में दिखती है। यही चेतना बंगाल और पूरे भारत की आस्था में दिखती है।”
प्रधानमंत्री का यह भाषण हाल ही में एक विवाद की पृष्ठभूमि में आया है। उक्त विवाद तब उत्पन्न हुआ था जब तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा ने हाल ही में एक सम्मेलन में कहा था कि उन्हें एक व्यक्ति के रूप में देवी काली की कल्पना मांस खाने वाली और शराब स्वीकार करने वाली देवी के रूप में करने का पूरा अधिकार है क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति के पास प्रार्थना करने का अपना अनूठा तरीका है। मोइत्रा एक फिल्म के पोस्टर पर उत्पन्न आक्रोश के संबंध में एक सवाल का जवाब दे रही थीं। उक्त पोस्टर में देवी काली के वेशभूषा वाली एक महिला को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया था।
मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा, ‘‘जब भी मुझे अवसर मिला, मैंने बेलूर मठ और (दक्षिणेश्वर) काली मंदिर (नदी के पार) का दौरा किया, तो एक संबंध महसूस करना स्वाभाविक है। जब आपकी आस्था और विश्वास शुद्ध होते हैं, तो शक्ति (देवी) स्वयं आपको रास्ता दिखाती हैं। मां काली की असीम कृपा सदैव भारत पर है। इस आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ देश विश्व कल्याण के लिए आगे बढ़ रहा है।” मानवता की सेवा के लिए रामकृष्ण मिशन की सराहना करते हुए मोदी ने कहा कि इसके संत देश में राष्ट्रीय एकता के दूत के रूप में जाने जाते हैं और विदेशों में भारतीय संस्कृति के प्रतिनिधि हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे ऋषियों ने हमें दिखाया है कि जब हमारे विचार व्यापक होते हैं, तो हम अपने प्रयासों में कभी अकेले नहीं होते हैं। आप देखेंगे कि भारत के ऐसे कई संतों ने शून्य संसाधनों के साथ संकल्प पूरे किए हैं। स्वच्छ भारत अभियान की सफलता एक उदाहरण है जिस संकल्प को देश ने पूरा किया क्योंकि दृढ़ विश्वास था। बहुत से लोगों को विश्वास नहीं था कि यह सफल हो सकता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि देश में पिछले डेढ़ वर्ष में कोविड टीकों की लगभग 200 करोड़ खुराक लगाई जा चुकी हैं, जो यह साबित करता है कि “यदि प्रतिबद्धता शुद्ध है, तो कुछ भी असंभव नहीं है।” उन्होंने कहा, ‘‘दो साल पहले, कई लोगों ने गणना की थी कि देश के लोगों को टीकाकरण में कितना समय लगेगा। लेकिन पिछले डेढ़ साल में, हम 200 करोड़ के आंकड़े के करीब पहुंच गए हैं। यह साबित करता है कि कुछ भी असंभव नहीं है। यहां तक कि बाधाएं होने पर भी आप एक रास्ता खोज सकते हैं।”