नई दिल्ली : अस्थमा(Asthma) यानि दमा के मरीज (Patients ) को डाइट और लाइफस्टाइल का बहुत ख्याल रखना पड़ता है. जरा सी लापरवाही से मरीज की जान मुश्किल में आ जाती है. आजकल बहुत कम उम्र में बच्चे भी अस्थमा से प्रभावित हो रहे हैं. बढ़ता प्रदूषण और कमजोर इम्यूनिटी (Pollution and weak immunity) इसकी वजह बन रहे हैं. हालांकि अपने स्वास्थ्य के हिसाब से भोजन लिया जाए तो इसे काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है. दमा के मरीजों को खानपान में कुछ ऐसी चीजों को शामिल करना चाहिए, जो फायदा करती हैं वहीं कुछ चीजों को लेकर सतर्क रहने की भी जरूरत है. इससे अस्थमा के मरीज की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. अस्थमा के मरीज को खाने में विटामिन सी से भरपूर चीजें शामिल करनी चाहिए. इससे भरपूर एंटी ऑक्सिडेंट मिलते है, जो फेफड़ों को सुरक्षित बनाते हैं. विटामिन सी खाने से अस्थमा अटैक का खतरा कम होता है.
दमा के मरीज को शहद और दालचीनी (honey and cinnamon) का सेवन करना चाहिए. इससे फायदा मिलता है. रोज रात में सोते वक्त 2-3 चुटकी दालचीनी में शहद मिलाकर खाने से फेफड़ों में आराम मिलता है.
अस्थमा के मरीज को तुलसी का सेवन करना चाहिए. इससे शरीर को एंटी ऑक्सीडेंट (anti oxidant) मिलते हैं. रोज चाय में तुलसी के पत्ते डालकर पीने से दमा के मरीज को फायदा पहुंचता है. तुलसी खाने से इम्यून सिस्टम (immune system) मजबूत होता है. इससे सीजनल बीमारियों का खतरा कम होता है.
दाल खाने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है. इससे शरीर को भरपूर प्रोटीन (rich protein) मिलता है. अस्थमा के मरीज मूंग दाल, सोयाबीन, काला चना और अन्य दालें खा सकते हैं. दाल खाने से फेफड़े मजबूत बनते हैं. दमा के मरीज को रोज 1 कटोरी दाल जरूर खानी चाहिए.
अस्थमा होने पर हरी सब्जियों का सेवन ज्यादा करें. हरी सब्जियां खाने से फेफड़ों में कफ जमा नहीं होता और शरीर को सभी विटामिन मिल पाते हैं. इससे अस्थमा अटैक आने का खतरा कम होता है. हरी सब्जियां आंत और फेफड़ों के लिए भी अच्छी होती हैं.
अस्थमा के मरीज को खाने में गेहूं, अंडा, सोया, पपीता, केला, चीनी, चावल और दही नहीं खाना चाहिए. दमा के मरीजों को ज्यादा फ्राई चीजें भी नहीं खानी चाहिए. इन लोगों को ठंडी चीजों से परहेज करना चाहिए.