अहमदाबाद: महिलाओं की सुरक्षा व महिलाओं पर हो रहे अपराध से लड़ने के लिए ‘निर्भया कोष’ (निर्भया फंड) के तहत इस साल की शुरुआत में मुंबई पुलिस ने कुछ गाड़ियां खरीदीं लेकिन अब ये महाराष्ट्र की सत्ता में काबिज एकनाथ शिंदे सरकार के सांसदों और विधायकों के एस्कॉर्ट व्हीकल के तौर पर लगाई गईं हैं। मिली जानकारी के अनुसार इस साल मुंबई पुलिस ने जून में ‘निर्भया कोष’ के तहत प्राप्त 30 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से 220 बोलेरो, 35 एर्टिगा, 313 पल्सर बाइक और 200 एक्टिवा खरीदे थे। वहीँ, इस बात के सामने आने के बाद से ही विपक्षी कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार पर कटक्ष करते हुए पूछा कि क्या सत्तारूढ़ विधायकों की सुरक्षा महिलाओं की सुरक्षा से अधिक महत्वपूर्ण है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुलिस अधिकारी ने कहा, “जून में वाहनों की खरीद के बाद, उन्हें जुलाई में सभी 97 पुलिस थानों, साइबर, यातायात और तटीय पुलिस इकाइयों को वितरित कर दिया गया। साथ ही इन वाहनों में से, 47 बोलेरो, मुंबई पुलिस के मोटर परिवहन विभाग द्वारा राज्य पुलिस के वीआईपी सुरक्षा अनुभाग के एक आदेश के बाद कई पुलिस थानों से मांगे गए थे, जिसमें कहा गया था कि शिंदे गुट के सांसदों और विधायकों की ‘वाई-प्लस’ सुरक्षा मुहैया कराने के लिए इन वाहनों की आवश्यकता है।”
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हालांकि, इन सांसदों की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किए गए वाहनों में से 17 वाहनों को आवश्यकता पूरी होने के बाद पुलिस थानों में वापस कर दिया गया। अधिकारी ने कहा, ‘लेकिन 30 बोलेरो अभी तक वापस नहीं आई हैं, जिससे संबंधित थानों के अधिकार क्षेत्र में पुलिस गश्त प्रभावित हुई है।’