वसीयत को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, 30 वर्ष पुराने दस्तावेज की वैधता वसीयत पर नही होगी लागू
नई दिल्ली: वसीयत की वैधता को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 30 वर्ष पुराने दस्तावेज की वैधता वसीयत पर लागू नहीं होगी, वसीयत केवल उनकी उम्र(अर्थात पुरानी होने मात्र ) के आधार पर साबित नहीं की जा सकती। सर्वोच्च न्यायालय ने माना है कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 90 के तहत तीस वर्ष से अधिक पुराने दस्तावेज़ों की वास्तविकता के बारे में अनुमान वसीयत पर लागू नहीं होता है।
वसीयत को केवल उनकी उम्र के आधार पर साबित नहीं किया जा सकता है। धारा 90 के तहत 30 साल से अधिक उम्र के दस्तावेजों की नियमितता के रूप में अनुमान वसीयत के सबूत की बात आने पर लागू नहीं होता है। न्यायालय ने यह भी कहा कि वसीयत को उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 की धारा 63 (सी) और साक्ष्य अधिनियम, 1872 की धारा 68 के संदर्भ में साबित करना होगा।
अदालत ने आगे कहा कि जब वसीयत के गवाह उपलब्ध नहीं होते हैं, तो साक्ष्य अधिनियम, 1872 की धारा 69 लागू होती है। इसलिए यह स्पष्ट है कि उस घटना में जहां साक्ष्य देने वाले गवाहों की मृत्यु हो सकती है, या नहीं मिल सकता है, प्रस्तावक असहाय नहीं है, जैसा कि साक्ष्य अधिनियम, 1872 की धारा 69 लागू है।