5000 नौकरियों के लिए अमेरिकी कंपनी में निवेश होगा 2 अरब डॉलर, कांग्रेस ने उठाए सवाल
नई दिल्ली : सेमीकंडक्टर विनिर्माण को और ज्यादा बढ़ावा देने के लिए अमेरिकी चिप कंपनी माइक्रोन टेक्नोलॉजी ने बड़ी घोषणा की है। अमेरिकी कंपनी माइक्रोन गुजरात में सेमीकंडक्टर परीक्षण एवं असेंबली संयंत्र लगाएगी, कुल 2.75 अरब डॉलर का निवेश होगा।
माइक्रोन सेमीकंडक्टर परीक्षण और असेंबली संयंत्र पर 82.5 करोड़ डॉलर का निवेश करेगी, बाकी वित्त का इंतजाम सरकार करेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत में आने का न्योता दिया है। साथ ही प्रधानमंत्री ने एप्लाइड मैटेरियल्स को भी प्रक्रिया प्रौद्योगिकी और आधुनिक पैकेजिंग क्षमताओं के विकास के लिए भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया है।
जानकारी के लिए बता दें कि कुछ समय पहले अमेरिका की चिप मैन्युफैक्चर कंपनी माइक्रोन टेक्नोलॉजीज ने गुजरात में निवेश का ऐलान किया था। इसे माइक्रोन का भारत में पहला निवेश बताया जा रहा है, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने इस निवेश पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे पर रवाने होने से पहले अमेरिका की कंप्यूटर चिप बनाने वाली कंपनी माइक्रोन टेक्नोलॉजीज ने गुजरात में 2.75 अरब डॉलर के कुल निवेश का ऐलान किया था।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि माइक्रोन कंप्यूटर चिप मैन्युफैक्चर नहीं करती बल्कि उन्हें असेंबल करती हैं। इन 2.75 अरब डॉलर के निवेश में से 50 फीसदी केंद्र सरकार जबकि 20 फीसदी गुजरात सरकार की ओर से होगा। इसका मतलब है कि माइक्रोन 2.75 अरब डॉलर में से सिर्फ 82.5 करोड़ डॉलर निवेश करेगी। इस तरह कुल निवेश में से 70 फीसदी (लगभग दो अरब डॉलर) निवेश का भार करदाताओं पर पड़ेगा। इससे 5000 नौकरियों का सृजन होगा। इस तरह हम 5000 नौकरियों के लिए लगभग दो अरब डॉलर का निवेश कर रहे हैं। मतलब है कि हर नौकरी पर चार लाख डॉलर यानी हर नौकरी पर 3.2 करोड़ रुपये का खर्च. क्या अर्थशास्त्र में इसका कुछ मतलब है?
बता दें क अमेरिकी कंपनी माइक्रोन टेक्नोलॉजी ने गुजरात में नया सेमीकंडक्टर चिप प्लांट लगाने का ऐलान किया था। यह निवेश 2.75 अरब डॉलर का बताया गया था। इस प्लांट को केंद्र की एटीएमपी योजना के तहत मंजूरी दी गई है।