टमाटर के बाद अब अदरक -धनिया और मिर्च ने भी रूलाया
नई दिल्ली : जुलाई के माह में देश भर में टमाटर की कीमतों में बढ़ोतरी के कुछ दिनों बाद अब, अदरक, धनिया और हरी मिर्च ने पूरी तरह से स्वाद का मजा बिगाड़ दिया है। हरी मिर्च की कीमतों में उछाल लोगों को रुला रहा है. भारत के कुछ हिस्सों में मिर्च की कीमतें लगभग 400 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ने की खबरें सामने आई हैं।
टमाटर की कीमतों में भारी तेजी के बाद अन्य सब्जियों के भी दाम आसमान छूने लगे हैं। कई हिस्सों में भारी बारिश से सब्जियों की आवक कम होने से कीमतों में तेजी आ रही है। इससे हर घर के किचन का तय बजट तेजी से बढ़ने लगा है। मुफ्त में मिलने वाली धनिया भी 200 रुपये किलो के पार बिक रही है। सब्जी व्यापारियों के मुताबिक, अदरक 250 से 300 रुपये किलो के बीच बिक रही है। लहसुन जहां 200 रुपये किलो है वहीं, बींस भी 160 रुपये किलो के पार है। हरी मिर्च भी इस समय 100 से 120 रुपये किलो के बीच बिक रही है।
टमाटर की कीमतें हालांकि, 250 रुपये से घटकर अब 150 रुपये पर आ गई हैं। इसके बावजूद अप्रैल-मई की तुलना में यह तीन गुना ज्यादा भाव पर बिक रहा है। आसमान छूती कीमतों के कारण टमाटर मध्यवर्ग के ग्राहकों के किचन से अब भी बाहर है। इस वजह से अधिकतर लोगों ने टमाटर खरीदना या तो कम कर दिया या बंद कर दिया है। सब्जियों की कीमतें बढ़ने से ग्राहकों के साथ व्यापारी भी प्रभावित हो रहे हैं, क्योंकि फलों के दाम भी बढ़ने लगे हैं। सेब की कीमत इस समय 2,200 रुपये प्रति बॉक्स है जो कि पहले 1,200 से 1,500 रुपये प्रति बॉक्स बिक रहा था।
उत्तरी भारत में भारी बारिश से सब्जियां प्रभावित हुई हैं। इसलिए कीमतें अभी ज्यादा हैं। इससे परिवहन व्यवस्था बाधित हुई। वहीं दक्षिण भारत से सब्जियों की आपूर्ति की लागत बढ़ गई है। हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा में हालिया बाढ़, भूस्खलन और फसलों के खराब होने से सब्जियों की आपूर्ति बाधित हुई है।
टमाटर की कीमतों में तेजी से कुछ किसान मालामाल हो गए हैं। महाराष्ट्र के जुन्नर इलाके के व्यापारी ईश्वर गायकर ने कहा कि वह और उनकी पत्नी सोनाली ने चालू सीजन में अब तक 2.4 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है, जो एक साल पहले 15 लाख रुपये था। वे 12 एकड़ भूमि पर टमाटर की खेती करते हैं। खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, रविवार को दिल्ली में टमाटर का खुदरा भाव 178 रुपये किलो था, जो 1 जनवरी की तुलना में 700 फीसदी से भी ज्यादा है।
उत्तरी राज्यों में बाढ़ जैसी स्थिति और सड़कों पर रुकावट के कारण कई सब्जियों की आपूर्ति बाधित हो गई है। टमाटर का बड़ा हिस्सा हिमाचल से आता है जो बुरी तरह प्रभावित हुआ है। अत्यधिक वर्षा के कारण राजस्थान और हरियाणा के मैदानी इलाकों में कई स्थानों पर लौकी, तुरई और भिंडी की फसलें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इसका असर सब्जियों की कीमतों पर पड़ा है। यदि यही स्थिति रही तो कीमतें लंबे समय तक ऊंची रह सकती हैं।