स्कूलों में फ्री सैनेटरी नैपकिन बांटने की नीति तैयार, कोर्ट ने कहा- राष्ट्रीय मॉडल सुनिश्चित करें सरकार
नई दिल्ली : सरकारी स्कूलों में सैनेटरी नैपकिन बांटने और उसके निस्तारण के बारे में राष्ट्रीय नीति का मसौदा तैयार हो चुका है। यह जानकारी सोमवार को केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दी गई। सरकार ने कोर्ट से चार सप्ताह का समय मांगते हुए कहा कि तैयार मसौदे पर सभी हित धारकों और आम जनता की राय आनी है।
कोर्ट ने केंद्र सरकार को चार सप्ताह का समय देते हुए निर्देश दिया कि वह सभी सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में लड़कियों के लिए उनकी संख्या के अनुपात में शौचालय का राष्ट्रीय मॉडल उपलब्ध कराना सुनिश्चित करे। कोर्ट ने सैनेटरी नैपकिन वितरण योजना पर केंद्र सरकार से कहा कि वह नीति को अंतिम रूप देने से पहले विभिन्न राज्य सरकारों की इस बारे में लागू योजनाओं को भी देखे और उसके बाद एक समग्र नीति बनाए। ये निर्देश प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कांग्रेस नेता जया ठाकुर की याचिका पर सुनवाई के दौरान सोमवार को दिए। जया ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मासिक धर्म स्वच्छता का मुद्दा उठाते हुए स्कूलों में छह से 12 कक्षा में पढ़ने वाली छात्राओं को सैनेटरी नैपकिन बांटने और लड़कियों के लिए अलग शौचालय के निर्माण की मांग की है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि मासिक धर्म स्वच्छता की व्यवस्था न होना लड़कियों की शिक्षा में एक बड़ी बाधा है। बहुत सी लड़कियां मासिक धर्म की स्वच्छता के लिए सैनेटरी नैपकिन और अलग शौचालय नहीं होने के कारण स्कूल छोड़ देती हैं। सोमवार को जब मामला सुनवाई पर आया तो केंद्र की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को बताया कि स्कूलों में सैनेटरी नैपकिन बांटने और उसके निस्तारण के बारे में राष्ट्रीय नीति का मसौदा तैयार हो गया है।
कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार नीति को अंतिम रूप देने से पहले राज्यों में सैनेटरी नैपकिन स्कूलों में बांटने की योजनाओं को भी देख ले ताकि समग्र राष्ट्रीय नीति तैयार हो। जया ठाकुर की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विभा दत्त मखीजा ने कोर्ट से स्कूलों में ढांचागत सुविधाएं और लड़कियों के अलग शौचालय का मुद्दा उठाया। मखीजा ने 2012 के एक आदेश का भी जिक्र किया जिसमें कोर्ट ने स्कूलों में लड़कियों के लिए अलग शौचालय बनाने का आदेश दिया था।
पीठ ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में छात्राओं की संख्या के अनुपात में शौचालय उपलब्ध कराने का राष्ट्रीय मॉडल उपलब्ध कराना सुनिश्चित करे। जया ठाकुर की याचिका में स्कूलों में सैनेटरी नैपकिन बांटने और लड़कियों के लिए अलग शौचालय की ही मांग नहीं की गई है बल्कि तीन स्तरीय जागरूकता अभियान की भी बात कही गई है। जैसे कि मासिक धर्म स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जाए, पर्याप्त स्वच्छता उपलब्ध कराई जाए और वंचित क्षेत्र में कम कीमत पर या मुफ्त में सैनेटरी नैपकिन महिलाओं को बांटे जाएं। सैनेटरी नैपकिन और मासिक धर्म में प्रयोग होने वाली चीजों के ठीक से निस्तारण की व्यवस्था की जाए।