संसद में सुरक्षा में चूक की बड़ी घटना: आरोपी के परिजनों का दावा- बेटा सेना में भर्ती होना चाहता था लेकिन…
नई दिल्ली: संसद के बाहर प्रदर्शन करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए अमोल के अभिभावकों का कहना है कि उनका बेटा सेना में भर्ती होना चाहता था और आगे पढ़ने के लिए उनसे प्रति माह चार हजार रुपये की मांग करता था, लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण परिवार अमोल को यह धनराशि देने की स्थिति में नहीं था।
संसद पर 2001 को हुए आतंकी हमले की बरसी के दिन बुधवार को सुरक्षा में चूक की बड़ी घटना सामने आई। लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग- सागर शर्मा और मनोरंजन डी सदन के भीतर कूद गए, उन्होंने नारेबाजी की और ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया। इस बीच कुछ सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया।
इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि आरोपियों के कब्जे से एक पर्चा बरामद किया गया, जिसमें लिखा था, ‘‘प्रधानमंत्री लापता हैं और जो भी उन्हें ढूंढे़गा उसे स्विस बैंक से पैसा मिलेगा।’’ पुलिस सूत्रों ने कहा कि आरोपियों के जूते विशेष रूप से डिजाइन किए गए थे और धुएं के ‘केन’ को छिपाने के लिए जगह बनाई गई थी। अधिकारी ने कहा कि इन ‘केन‘ को सागर शर्मा ने लखनऊ से खरीदा था।
पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने संसद में पर्चे फेंकने की योजना बनाई थी। इसने कहा कि उन्होंने तिरंगे भी खरीदे थे। सूत्रों ने बताया कि आरोपियों के पास से कुछ और पर्चे बरामद किए गए, जिनमें युवाओं को सरकार के खिलाफ भड़काने वाले संदेश थे। एक सूत्र ने कहा, ‘‘ऐसे ही एक पर्चे पर लिखा था ‘देश के लिए जो नहीं खौला वो खून नहीं पानी है।’’
आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए और उन्होंने ‘केन’ से पीली गैस उड़ाते हुए नारेबाजी की। हालांकि, सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया। लगभग उसी समय संसद भवन के बाहर अमोल शिंदे और नीलम ने केन से लाल और पीले रंग का धुआं फैलाते हुए ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ आदि नारे लगाए।