मध्य प्रदेश : सीएम मोहन यादव ने 15 मंत्रियों की सिफारिशी नोट की वापिस, दिया कड़ा संदेश
भोपाल : मध्य प्रदेश में मोहन यादव कैबिनेट के मंत्रियों को विभाग मिल गए हैं। मोहन यादव ने अपने कैबिनेट में शामिल 15 मंत्रियों को जोरदार झटका दिया है। 15 मंत्रियों को सिफारिशी नोटशीट को सीएम ने रिजेक्ट कर दिया है। ये नोटशीट पीए और पीएस की तैनाती को लेकर थी। ये ऐसे अफसर और कर्मचारी थे, जो मंत्री के स्टॉफ के रूप में जमे थे। नई सरकार में भी अपनी पोस्टिंग मंत्रियों के साथ चाहते थे। ऐसे में इन लोगों ने अपने पसंद के मंत्रियों से नोटशीट लिखवाई थी। अधिकांश लोग वैसे हैं, जो अपने मूल विभाग को छोड़कर मंत्रियों के यहां काम कर रहे थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सीएम मोहन यादव के पास जो सिफारिशी नोटशीट भेजी गई थी, उसे सामान्य प्रशासन विभाग ने लौटा दिया है। इसके साथ ही यह कड़क संदेश दिया है कि बहुत जरूरी होने के बाद ही, उस सिफारिशी व्यक्ति की पड़ताल की जाएगी, तब पोस्टिंग दी जाएगी। यही नहीं, जिन लोगों के लिए सिफारिशी पत्र आए थे, ये लोग बिना तैनाती ही काम कर रहे हैं। दरअसल, मध्य प्रदेश में अभी मंत्रियों को पीए और पीएस नहीं मिले हैं। अभी सिर्फ सीनियर मंत्री राकेश सिंह को ही मिला है।
वहीं, कुछ दिन पहले ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के ओएसडी की नियुक्ति हुई थी। नियुक्ति आदेश जारी होने के बाद पता चला कि उस अधिकारी पर लोकायुक्त की जांच चल रही है। प्रहलाद सिंह पटेल ने आपत्ति दर्ज की तो उस आदेश को रद्द किया गया है।
दरअसल, अपनी पसंद के अधिकारियों की तैनाती को लेकर मंत्री विश्वास सारंग, कृष्णा गौर, प्रतिमा बागरी, प्रहलाद सिंह पटेल, चैतन्य कश्यप, इंदर सिंह परमार, राकेश शुक्ला, राव उदय प्रताप, नरेंद्र शिवाजी पटेल, लखन पटेल, एदल सिंह कंषाना, राकेश सिंह, दिलीप जायसवाल, संपतिया उइके और नारायण सिंह कुशवाहा हैं।
गौरतलब है कि सीएम मोहन यादव ने सामान्य प्रशासन विभाग और गृह विभाग को अपने पास रखा है। अधिकारियों की तैनाती पर वह खुद ही नजर रख रहे हैं। साथ ही जिन अधिकारियों के खिलाफ शिकायत आ रही है, उन पर कार्रवाई भी त्वरित कर रहे हैं। साथ ही वह लगातार संदेश दे रहे हैं कि यह आमलोगों की सरकार है।