रायबरेली-मैनपुरी सीट पर भाजपा उम्मीदवार को लेकर सस्पेंस बरकरार, 12 सीटों पर अभी नहीं हुई घोषणा
लखनऊ : रायबरेली और मैनपुरी सीट पर भाजपा (BJP) की टिकट को लेकर सस्पेंस बरकरार है। कांग्रेस का मजबूत किला कहे जाने वाली रायबरेली को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच लुका-छुपी का खेल चल रहा है। कांग्रेस पत्ते खोल नहीं रही और भाजपा को इसी का इंतजार है। उधर, मैनपुरी में एक मंत्री की ना के बाद नए चेहरे को लेकर ऊहापोह की स्थित है। फिरोजाबाद का टिकट भी मैनपुरी के समीकरण से जुड़ा है। कैसरगंज की गुत्थी भी अभी अनसुलझी है। कुल मिलाकर 12 सीटों पर अभी भाजपा के उम्मीदवारों के ऐलान का इंतजार है।
भाजपा ने इस बार लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगाने से पहले प्रत्याशियों का ऐलान कर सबको चौंका दिया था। पार्टी खुद अब तक 63 प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है जबकि सहयोगी दलों को मिलें तो घोषित टिकटों की संख्या 66 है। इसमें दो रालोद और एक सुभासपा की सीट शामिल हैं। भाजपा इस बार 75 सीटों पर अपने सिंबल पर चुनाव लड़ रही है, जबकि पांच सीटें सहयोगियों के लिए छोड़ी हैं। पार्टी द्वारा अब तक घोषित सीटों में रायबरेली और मैनपुरी शामिल नहीं हैं जबकि प्रदेश में यही वो दो सीटें हैं, जिन पर कभी भाजपा को जीत नहीं मिल पाई है।
रायबरेली सीट को लेकर कांग्रेस भी बेहद सधी हुई रणनीति अपना रही है। वह चाहती है कि भाजपा पहले अपना प्रत्याशी घोषित कर दे। मगर भगवा खेमा ऐसा करने को तैयार नहीं है। उसे भी कांग्रेस के पत्ते खुलने का इंतजार है। हालिया राज्यसभा चुनाव से भाजपा के करीब आए मनोज पांडे का नाम इस सीट पर प्रमुखता से शामिल है।
मैनपुरी सीट सपा का मजबूत गढ़ रही है। मुलायम सिंह के निधन के बाद हुए उपचुनाव में डिंपल यादव ने बंपर जीत दर्ज की थी। सपा ने फिर डिंपल को प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर भाजपा एक मंत्री को चुनाव लड़ाना चाहती थी। खबर है कि वे तैयार नहीं हैं। ऐसे में अन्य विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। पार्टी सूत्रों की मानें तो चेहरे को लेकर एक राय नहीं बन पा रही है। दरअसल, मैनपुरी और फिरोजाबाद भाजपा की रेड जोन में शामिल सीटें हैं। ब्रज क्षेत्र में 14 लोकसभा सीटें हैं। अब तक घोषित 12 सीटों में से किसी क्षत्रिय को टिकट नहीं मिला है। ऐसे में सामाजिक समीकरण साधने को मैनपुरी या फिरोजाबाद से एक सीट पर क्षत्रिय प्रत्याशी को टिकट दिया जाना है।
कैसरगंज सीट पर बृजभूषण शरण सिंह का टिकट भी अभी फंसा हुआ है। प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट में भी उन्हें जगह नहीं मिल सकी है। अगले तीन-चार दिन में इस गुत्थी के सुलझने की संभावना है। इस सीट से उनकी पत्नी और बेटे के नाम भी चर्चा में शामिल हैं। वहीं देवरिया सीट पर मौजूदा सांसद रमापति राम त्रिपाठी फिर से टिकट पाने को प्रयासरत हैं। वहीं बदलाव होने की स्थिति में पार्टी किसी ब्राह्मण चेहरे को ही मैदान में उतारेगी। इस सीट पर पूर्व विधायक सत्यप्रकाश मणि त्रिपाठी और विधायक शलभमणि त्रिपाठी सहित संगठन के कुछ चेहरे भी टिकट की दौड़ में हैं।
मुख्तार अंसारी के निधन के बाद गाजीपुर सीट पर नये सिरे से गुणा-गणित लगाया जा रहा है। वहीं बलिया में राज्यसभा सांसद नीरज शेखर के साथ कुछ और नामों की चर्चा है। प्रयागराज सीट पर बदलाव तय माना जा रहा है। इस सीट पर कैबिनेट मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी की पत्नी अभिलाषा गुप्ता भी दावेदार हैं।
भाजपा को अभी फिरोजाबाद, मैनपुरी, गाजीपुर, रायबरेली, कौशांबी, फूलपुर, कैसरगंज, देवरिया, प्रयागराज, भदोही, मछली शहर, बलिया लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी घोषित करने हैं। चूंकि इसमें तीसरे चरण की फिरोजाबाद व मैनपुरी सीटें भी शामिल हैं। ऐसे में प्रत्याशियों का ऐलान अगले तीन-चार दिन में होने की संभावना है। इसके अलावा एनडीए में शामिल अपना दल (एस) को दो सीटों मिर्जापुर और राबर्ट्सगंज पर प्रत्याशी घोषित करने हैं।