नई दिल्ली : चैत्र नवरात्रि का पर्व शुरू हो गया है. हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि की शुरुआत होती है और हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है. नवरात्रि में मां दुर्गा के पधारने से पहले घर की अच्छी तरह से साफ सफाई की जाती है. ऐसा कहते हैं कि साफ-सफाई के बिना घर में देवी की उपासना का शुभ फल नहीं मिलता है. नवरात्रि से पहले साफ-सफाई में कुछ खास चीजें भी घर से बाहर निकाल देनी चाहिए. घर में इन चीजों का रहना बहुत अशुभ माना जाता है.
अक्सर खंडित या खराब देवी-देवताओं की मूर्ति को हम घर में एक तरफ को रख देते हैं. लेकिन वास्तु में इन्हें अशुभ बताया गया है. कहते हैं कि घर में रखीं खंडित मूर्तियां दुर्भाग्य का कारण बनती हैं. ऐसे में इन मूर्तियों को तुरंत बहते हुए जल में प्रवाहित कर देना चाहिए.
घर के साथ किचन की सफाई भी महत्वपूर्ण हैं. ऐसे में रसोई में कोई भी खराब चीजें या खाने आदि रखा है तो उसे तुरंत निकाल बाहर कर दें. घर में खाने-पीने की खराब चीजें मां दुर्गा को रुष्ट करती हैं. इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है और मां दुर्गा घर में प्रवेश नहीं करती.
चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा 9 दिनों तक धरती पर ही रहती हैं. इन 9 दिनों में मां भक्तों के घर वास करती हैं. ऐसे में घर का वातावरण और घर दोनों का शुद्ध होना बेहद जरूरी है. नवरात्रि से पहले सफाई के दौरान प्याज और लहसुन, अंडा, मांस, मदिरा आदि को घर से निकाल दें. ये चीजें घर में नकारात्मकता लाती हैं.
नवरात्रि से पहले मां दुर्गा के स्वागत के लिए सफाई की जाती है. ऐसे में घर में रखे फटे-पुराने कपड़े और जूते-चप्पलों को घर से बाहर निकाल दें. घर में इस तरह की चीजें नकारात्मकता बढ़ाती हैं और मां दुर्गा ऐसे घरों में कभी वास नहीं करती.
वास्तु में कहा गया है कि बंद घड़ी दुर्भाग्य का सूचक है. ऐसे में नवरात्रि में मां के आगमन से पहले बंद या खराब घड़ी को भी बाहर निकाल दें या फिर किसी कबाड़ी को दे दें. ऐसी चीजें व्यक्ति की तरक्की में बाधा तो उत्पन्न करती ही हैं. साथ ही, बुरा समय लाने में भी देर नहीं लगाती.