नई दिल्ली: उत्तर भारत के साथ-साथ राजधानी दिल्ली भी भीषण गर्मी की चपेट में है। दिल्ली में कई जगहों पर पारा 50 डिग्री के करीब पहुंच गया है। यहां नरेला में तापमान 49.9 डिग्री दर्ज किया गया है। इसके अलावा मुंगेशपुर में 49.9 डिग्री नजफगढ़ में 48.8 डिग्री तापमान दर्ज किया गया है। भीषण गर्मी का निवासियों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है और विशेषज्ञ इन क्षेत्रों में तापमान बढ़ने का कारण हरियाली की कमी और सीधी धूप बता रहे हैं। मंगलवार को दक्षिण पश्चिम दिल्ली के नजफगढ़ में अधिकतम तापमान 48.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से आठ डिग्री अधिक है, जबकि न्यूनतम तापमान 31.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो मौसम के औसत से पांच डिग्री अधिक है।
मुंगेशपुर मौसम केंद्र में अधिकतम तापमान 48.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से आठ डिग्री अधिक है। वहीं न्यूनतम तापमान 27.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो मौसम के औसत से एक डिग्री अधिक है। सभी मौसम केंद्रों में इन क्षेत्रों में दैनिक आधार पर सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान दर्ज किया जा रहा है। राजधानी मंगलवार को रेड अलर्ट पर रही और यहां पिछले तीन दिनों से लू चल रही है। स्काईमेट वेदर में मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन के उपाध्यक्ष, महेश पलावत ने स्थिति की व्याख्या करते हुए कहा, “खाली भूमि वाले खुले क्षेत्रों में, विकिरण अधिक होता है। सीधी धूप और छाया की कमी इन क्षेत्रों को असाधारण रूप से गर्म बनाती है।”
पलावत ने बताया कि हवा की दिशा भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा, “जब पश्चिम से हवा चलती है, तो यह इन क्षेत्रों को सबसे पहले प्रभावित करती है। चूंकि ये बाहरी इलाके हैं, इसलिए यहां तापमान तेजी से बढ़ता है।” उन्होंने कहा कि तापमान 46 या 46.5 डिग्री सेल्सियस तक जाएगा और 47 डिग्री तक पहुंच सकता है, लेकिन सफदरजंग जैसे मानक स्टेशन में, जहां से हम राजधानी का मानक तापमान मापते हैं, वहां 49 डिग्री सेल्सियस तक नहीं पहुंचेगा।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के क्षेत्रीय प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि नजफगढ़ जैसी जगहों पर कई कारणों से तापमान में तेज वृद्धि देखी जा रही है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि बाहरी इलाके राजस्थान से गर्म हवाओं की चपेट में आने वाला पहला क्षेत्र है। उन्होंने कहा, ‘‘अगले कुछ दिनों तक भीषण गर्मी की स्थिति बनी रहने की आशंका है। दिल्ली के कुछ हिस्से विशेष रूप से इन गर्म हवाओं के जल्दी आने के प्रति संवेदनशील हैं, जिससे पहले से ही गंभीर स्थिति और खराब हो रही है। मुंगेशपुर, नरेला और नजफगढ़ जैसे इलाके गर्म हवाओं का सबसे पहले सामना करते हैं। एक अन्य मौसम विशेषज्ञ चरण सिंह ने कहा कि खुले क्षेत्र और बंजर भूमि बढ़ते विकिरण के कारण उच्च तापमान में योगदान दे रहे हैं।
नजफगढ़ के राजीव विहार के निवासी राकेश कुमार ने कहा कि उच्च तापमान और गर्म, शुष्क हवा क्षेत्र के लोगों को बीमार कर रही है। उन्होंने कहा, “मैं हर रोज अपनी बाइक से मध्य दिल्ली आता-जाता हूं। सभी सावधानियां बरतने के बावजूद, मुझे लू लगने के कारण तेज बुखार और शरीर में दर्द हो गया है।” दिल्ली सरकार द्वारा संचालित एलएनजेपी अस्पताल में लू के कारण प्रभावित मरीजों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है।
लोक नायक अस्पताल की डॉ. रितु सक्सेना ने कहा, “हमने इस सप्ताह गर्मी से प्रभावित कई मरीज देखे हैं। अकेले कल, हमारे पास लगभग 10 मरीज आए जो लू से प्रभावित थे।” बुखार, सिरदर्द, उल्टी और बेहोशी जैसे लक्षण आम हैं। उन्होंने यह भी सलाह दी कि लोगों को खासकर उस समय घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए जब गर्मी चरम पर होती है और उन्हें पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहना चाहिए। मौसम अधिकारियों ने यह भी कहा कि राजधानी दिल्ली में अगले दो दिनों तक लू चलेगी जिसके बाद उत्तर भारत में एक नया मौसम विक्षोभ आएगा, जिसका असर राजधानी पर भी पड़ेगा।