अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिकी विदेश मंत्री ने अफगानिस्तान में मानवधिकार के उल्लघन की आलोचना

वाशिंगटन : अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बुधवार को अफगानिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन की आलोचना की और अफगान महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ तालिबान की नीतियों की निंदा की। उन्होंने कहा कि महिलाओं की समाज में पूरी और समान भागीदारी सिर्फ समानता का मामला नहीं है, बल्कि यह जरूरी भी है। अमेरिकी विदेश मंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट कर लिखा कि अमेरिका तालिबान के भेदभावपूर्ण आदेशों की आलोचना करता है, जो अफ़गान महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों और जीवन को खतरे में डालते हैं। उन्होंने कहा हम अफगान महिलाओं और लड़कियों का दृढ़ समर्थन करते हैं।

बता दें कि हाल ही में अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि से मुलाकात की और अफगान लड़कियों के लिए स्कूलों और विश्वविद्यालयों को फिर से खोलने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने शिक्षा को अफगान महिलाओं और लड़कियों के सशक्तिकरण और देश में समावेशी समाज की दिशा में महत्वपूर्ण बताया।

अमेरिकी विदेश विभाग ने एक प्रेस बयान में तालिबान के महिलाओं को चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने पर प्रतिबंध लगाने की आलोचना की। विभाग ने कहा यह तालिबान का हालिया फैसला अफ़गान महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों को खतरे में डालने की एक और कोशिश है। यह शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक उनकी पहुंच पर हमला है।

इसके साथ ही बयान में कहा गया तालिबान के पहले के आदेशों ने महिलाओं को पुरुषों से स्वास्थ्य सेवाएं लेने और बिना पुरुष अभिभावक के यात्रा करने से रोका था। अब, चिकित्सा शिक्षा पर प्रतिबंध लगाने से ये समस्याएं और बढ़ेंगी।

अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि अफ़गान महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों के समर्थन में अमेरिका हमेशा खड़ा रहेगा और समाज में उनकी पूरी भागीदारी के लिए सभी अफ़गानों के साथ रहेगा। विभाग ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से तालिबान के इन आदेशों की आलोचना करने और अफ़गान महिलाओं और लड़कियों का समर्थन करने का आह्वान किया।

ब्लिंकन ने अजरबैजान से भी मीडिया और नागरिक समाज के खिलाफ अपनी कार्रवाई को रोकने और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दायित्वों का पालन करने की अपील की। उन्होंने लिखा कि हम अज़रबैजान से अपने अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दायित्वों का सम्मान करने और बिना किसी वजह के हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा करने की अपील करते हैं।

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