उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की रविवार को स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र बाहर आने के मामले में देहरादून पुलिस और आयोग ने देर रात प्रेस वार्ता करके खुलासा किया कि पेपर का सिर्फ एक सेट, हरिद्वार के एक सेंटर से और एक अभ्यर्थी के लिए बाहर आया था। इसके पीछे कोई बड़ा गिरोह शामिल नहीं, इसलिए पूरी परीक्षा की शुचिता पर सवाल खड़ा नहीं होता। यह पेपर सिर्फ कुछ लोगों के बीच ही आया था।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए प्रश्न पत्र के स्क्रीनशॉट
बताया जा रहा है कि परीक्षा के दौरान ही किसी परीक्षा केंद्र से प्रश्न पत्र के कुछ हिस्सों की फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर साझा की गई। वायरल हुए इन स्क्रीनशॉट्स के आधार पर आयोग की साख पर सवाल उठने लगे हैं। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि प्रश्नपत्र परीक्षा से पहले लीक हुआ या फिर परीक्षा के दौरान किसी ने फोटो साझा की।
अब तक की जांच में क्या सामने आया?
UKSSSC द्वारा आयोजित कराई जा रही स्नातक स्तरीय पदों के लिये लिखित प्रतियोगी परीक्षा के प्रश्न पत्रों के फोटो को अज्ञात व्यक्ति द्वारा आउट करने तथा उनके स्क्रीनशॉट को कुछ सोशल मीडिया एकाउंट्स पर प्रसारित करने के सम्बन्ध में प्राप्त जानकारी के आधार पर सम्पूर्ण प्रकरण की जाचं हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून तत्काल एसआईटी गठित की गई, जिस सम्बन्ध में UKSSSC द्वारा भी एक प्रार्थना पत्र एसएसपी देहरादून को दिया गया। एसआईटी द्वारा की गयी प्रारम्भिक जांच में तथ्य प्रकाश में आये कि प्रात: 11: 00 बजे उक्त परीक्षा के प्रारम्भ होने से पूर्व राज्य के किसी भी जिले से प्रश्न पत्र के लीक अथवा आउट होने की कोई सूचना नहीं आई थी तथा पेपर समाप्त होने के उपरान्त समय करीब: 01: 30 बजे जानकारी मिली कि सोशल मीडिया पर उक्त पेपर के कुछ प्रश्नों के फोटो लेकर उन्हें प्रात: 11ः35 बजे आउट कियेे जाने के स्क्रीनशॉट प्रसारित किये जा रहे हैं।
पुलिस द्वारा सोशल मीडिया पर आउट हुए फोटो के सोर्स की जानकारी की गई तो उक्त प्रश्न पत्र के फोटो सर्वप्रथम सुमन नाम की एक महिला, जो टिहरी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है, के पास आने तथा उनके द्वारा उसके उत्तर वापस भेजे जाना प्रकाश में आया। जिस पर उक्त महिला से पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में उसके द्वारा बताया गया कि वह अमरोडा डिग्री कॉलेज प्रतापनगर टिहरी गढवाल में असिसटेंट प्रोफेसर के पद पर है, वर्ष 2018 के दौरान जब वह टैक्स इन्सपेक्टर, नगर निगम ऋषिकेश के पद पर नियुक्त थी तब उनकी पहचान सीपीडब्लूडी में संविदा पर जे0ई0 के पद पर नियुक्त खालिद मलिक से हुई थी, जो उस समय ऑलवेदर रोड का कार्य देख रहे थे तथा हरिद्वार के रहने वाले थे।
प्रश्न पत्र के उक्त फोटो को आज खालिद मलिक द्वारा अपने नम्बर से उन्हें भेजते हुए स्वंय के एक मीटिंग में व्यस्त होने तथा इस सम्बंध में उसकी बहन के द्वारा उनसे बात करने का मैसेज भेजा गया था, खालिद के नम्बर से एक युवती द्वारा स्वंय को उसकी बहन बताते हुए अपनी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी हेतु उक्त प्रश्नों के उत्तर उनसे पूछे गये थे, जिनके उत्तर उनके द्वारा फोटो के माध्यम से उन्हें उपलब्ध कराये गये थे तथा उसके स्क्रीनशॉट अपने मोबाइल पर सेव कर लिये थे। महिला द्वारा प्रकरण की जानकारी पुलिस को देने हेतु एक प्रार्थना पत्र लिखा गया था, साथ ही उक्त प्रकरण की सूचना बॉबी पंवार को देते हुए पुलिस में जाने के विषय में बताया गया था, परन्तु बॉबी पंवार द्वारा उक्त महिला से पेपर के स्क्रीनशॉट मांगते हुए उसे इस सम्बन्ध में पुलिस को अवगत न कराने के लिये कहा गया तथा बॉबी पंवार द्वारा बिना किसी सक्षम अधिकारी को प्रकरण के सम्बन्ध में अवगत कराये तथा बिना किसी आधिकारिक पुष्टि/सूचना का सत्यापन किये परीक्षा प्रणाली को सनसनीखेज बनाने के उद्देश्य से उक्त स्क्रीन शाट्स को सोशल मीडिया पर वायरल किया गया। जिन्हें कुछ अन्य लोगों द्वारा भी सोशल मीडिया एकाअंट पर प्रसारित करते हुए सरकार तथा सिस्टम के विरूद्ध आपत्ति जनक पोस्ट की गई।

जांच के दौरान प्रकाश में आये तथ्यों के आधार पर थाना रायपुर में उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम एवं रोकथाम के उपाय) अध्यादेश 2023 के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया। अभियोग में श्रीमती सुमन से पूछताछ के आधार पर प्रकाश में आये अभियुक्तों व उनके सम्पर्क में आने वाले छात्रों के सम्बन्ध में जांच की जा रही है। साथ ही इन तथ्यों पर भी गहनता से विवेचना की जा रही है कि परीक्षा प्रणाली को सनसनीखेज बनाने अथवा बदनाम करने के उद्देश्य से ही तो कहीं उक्त स्क्रीनशाट्स को सोशल मीडिया पर वायरल न किया गया हो। प्रकरण में सम्मिलित अभियुक्तों की पहचान करते हुए पुलिस को उनके विरूद्ध पुख्ता साक्ष्य प्राप्त हुए हैं, जिनकी गिरफ्तारी हेतु टीमें गठित कर रवाना की गई हैं।