
चंडीगढ़ : हरियाणा कैडर के IPS अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या से मचे सियासी बवाल के बीच देर रात हरियाणा सरकार ने डीजीपी शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेज दिया। राहुल गांधी के आने की ठीक पहले हरियाणा ने ये फैसला लिया। ऐसे में अब शायद परिवार पोस्टमॉर्टम के लिए राजी हो सकता है। कुमार परिवार ने कई वरिष्ठ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए थे। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी मंगलवार शाम करीब पांच बजे अमनीत पी कुमार के आवास पहुंचेंगे। उनके साथ सोनिया गांधी के भी आने की चर्चा है। वह इस समय प्रियंका गांधी के साथ शिमला में हैं। बताया जा रहा है कि यदि सोनिया का स्वास्थ्य ठीक रहा है तो वह भी आएंगी। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान भी मंगलवार दोपहर में अमनीत के आवास पर पहुंचेंगे।
आज परिवार और न्याय मोर्चे की ओर से दिया गया अल्टीमेटम आज शाम खत्म हो रहा है। हरियाणा सरकार के कई मंत्री, अफसर कई दिनों से दिवंगत अधिकारी की आईएएस पत्नी अमनीत पी कुमार को पोस्टमॉर्टम के लिए राजी करवाने की कोशिशें करते रहे, लेकिन वह नहीं मानीं। वह डीजीपी शत्रुजीत कपूर और मामले में नामजद अन्य अधिकारियों की गिरफ्तारी पर अड़ी हैं। आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी परिवार से मिलने पहुंच रहे हैं। राहुल के दौरे ने प्रदेश में नई हलचल मचा दी है। अल्टीमेटम की समयसीमा पूरी होने से पहले ही चंडीगढ़ पुलिस ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। शहर में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। इसके अलावा संभावित प्रदर्शन स्थलों पर भी पुलिस ने निगरानी तेज कर दी है।
मामले की जांच के लिए एसआईटी की ओर से मृतक के हस्ताक्षर और लैपटॉप लेने के लिए आईएएस अमनीत पी. कुमार को पत्र जारी किया गया। जांच अधिकारी डीएसपी चरणजीत सिंह ने पत्र भेजा। पत्र में कहा कि वाई. पूरन कुमार के साइन के सैंपल सीएफएसएल सैक्टर-36 भेजने हैं। अमनीत ने पत्र के जवाब में कहा कि आईपीएस के हस्ताक्षर उनकी सेवा के दौरान सरकार और उनके विभाग द्वारा बनाए गए विभिन्न आधिकारिक अभिलेखों और दस्तावेजों पर उपलब्ध हैं, जो सरकारी फाइलों से प्राप्त किए जा सकते हैं।
अमनीत पी. कुमार ने कहा कि शोक व्यक्त करने वालों की भारी भीड़ व पोस्टमार्टम की औपचारिकताएं अभी पूरी न होने के कारण उनके पति के हस्ताक्षरों वाले किसी भी व्यक्तिगत दस्तावेज को आवास से तलाशना बेहद मुश्किल होगा। उनके सत्यापित हस्ताक्षर आधिकारिक सेवा अभिलेखों और विभागीय फाइलों में विधिवत उपलब्ध हैं। ऐसे में सादर निवेदन है कि कृपया सत्यापन और तुलना के लिए उन्हें उन आधिकारिक अभिलेखों से प्राप्त किया जाए।
वहीं अमनीत ने टीम को लैपटॉप देने के मामले में यह स्पष्ट कर दिया कि औपचारिकताएं पूरी होने के बाद लैपटॉप को कब्जे में लिया जा सकता है। एसआईटी की प्रक्रियात्मक और तकनीकी आवश्यकताओं को पूरा करने में मेरी ओर से न तो असमर्थता जताई गई, न ही मेरी ओर से कोई हिचकिचाहट या असहयोग जताया गया।