अन्तर्राष्ट्रीय

संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव से असहज हूं : राजपक्षे

rajpakकोलंबो। श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने शुक्रवार को कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में अमेरिका द्वारा लाए गए प्रस्ताव से असहज महसूस कर रहे हैं और उनका मानना है कि कोई भी प्रस्ताव नहीं लाया जाना चाहिए। सामंजस्य के पर्याप्त उपाय और युद्ध अपराधों की जांच में विफलता के लिए श्रीलंका सरकार अगले महीने मानवाधिकार परिषद में अमेरिका द्वारा प्रस्ताव पेश किए जाने के खतरे का सामना कर रही है। सरकार के खिलाफ लाया जाने वाला यह लगातार तीसरा प्रस्ताव है जिसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि 2००9 में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल इलम (लिप्ते) के सफाए के बाद से श्रीलंका के मानवाधिकार रिकार्ड में कोई सुधार नहीं आया है। जिन बातों पर गंभीर चिंता जताई गई है उनमें पूर्व के लड़कों और हिरासतियों के साथ व्यवहार धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले मीडिया की आजादी पर दबाव के साथ जवाबदेही में प्रगति के प्रति सरकारी उदासीनता शामिल है।

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