तिरुपुर में ज़ब्त किए गए 570 करोड़ रुपयों पर SBI का दावा, ‘हमारे पैसे हैं’
चेन्नई: शनिवार को तमिलनाडु के तिरुपुर में चुनाव आयोग ने नोटों के बंडलों से भरे तीन ट्रकों को ज़ब्त किया था जिसमें 570 करोड़ रुपये की नक़द राशि थी। अब इन पैसों पर भारतीय स्टेट बैंक ने अपना दावा पेश किया है। बैंक ने कहा है कि आयोग द्वारा ज़ब्त किए गए वह 570 करोड़ रुपए दरअसल उनके हैं और रिज़र्व बैंक की अनुमति के बाद ही इसे ट्रक द्वारा विशाखापट्टनम भेजा जा रहा था।
नकदी की कमी को पूरा करना था
बैंक ने एक बयान जारी किया है जिसमें लिखा है कि आयोग ने उन पैसों को ज़ब्त करने की गलती की है जिसे बैंक की कोयंबटूर की मुख्य शाखा से विशाखापट्टनम की एक दूसरी शाखा में भेजा जा रहा था। बैंक ने आगे लिखा कि ‘आंध्र प्रदेश में थोड़े वक्त के लिए हुई नकदी की कमी को पूरा करने के लिए आरबीआई ने 570 करोड़ रुपए की राशि को कोयंबटूर से विशाखापट्टनम स्थित हमारी विशेष मुद्रा प्रशासन शाखा में स्थानांतरण करने की अनुमति दी थी।’
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपने बयान में यह भी लिखा है कि ‘आरबीआई के निर्देशानुसार, हमारी कोयंबटूर मुख्य शाखा ने आधिकारिक एसबीआई कर्मचारी को खज़ाना सौंपा जिसे आंध्र पुलिस की टीम की उचित पहरेदारी में ले जाया जा रहा था। लेकिन नकद ले जा रहे जत्थे को चुनाव आयोग के अधिकारियों ने रास्ते में रोक लिया और उसे आगे की जांच के लिए तिरुपुर कलेक्टरेट ले आए।
कागजातों में गड़बड़ियां…
गौरतलब है कि ट्रकों को ज़ब्त किए जाने के बाद चुनाव आयोग द्वारा कहा गया था कि ट्रक के ड्राइवरों ने जो कागज़ात दिखाएं उसके मुताबिक़ पैसा कोयंबटूर से विशाखापट्टनम एसबीआई बैंक में जा रहा था। लेकिन जांच के दौरान इन कागज़ातों में कई गड़बड़ियां पाई गई और ट्रकों के नंबर भी लिखे नंबर से मेल नहीं खा रहे थे।
अधिकारियों ने यह भी कहा था कि कार में मौजूद व्यक्तियों ने खुद को आंध्र प्रदेश पुलिस का कर्मी होने का दावा किया था लेकिन उन्होंने वर्दी नहीं पहन रखी थी और ना ही अपने दावों की पुष्टि के लिए उन्होंने कोई वैध दस्तावेज दिखाए। इसके बाद इन वाहनों को तिरुपुर में जिला कलेक्ट्रेट ले जाया गया था।