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टोक्यो पैरालंपिक में भाविना पटेल ने सिल्वर मेडल जीत किया कमाल, एक साल की उम्र में हुई थीं पोलियो की शिकार

Tokyo 2020 Paralympics: टोक्यो पैरालंपिक में भारत की टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविना पटेल ने महिला सिंगल्स क्लास 4 में सिल्वर मेडल जीत इतिहास रच दिया हैं. इसके साथ ही भाविना पैरालंपिक खेलों में भारत की ओर से टेबल टेनिस में मेडल जीतने वाली पहली खिलाड़ी बन गई हैं. फाइनल में पहुंचने के साथ हीं इतिहास रच चुकी भाविना के पास आज गोल्ड जीतने का मौका था, लेकिन इस खिताबी मुकाबले में उन्हें चीन की यिंग के हाथों सीधे गेम में हार मिली.

इस से पहले भाविना ने सेमीफाइनल मुकाबले में वर्ल्ड रैंकिंग में नंबर तीन खिलाड़ी चीन की झांग जियाओ को 3-2 से हराकर इतिहास रच दिया था. भाविना के लिए ये टोक्यो पैरालंपिक के मेडल तक का ये सफर आसान नहीं रहा है. यहां तक पहुंचने के लिए उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है. 34 साल की भाविना पटेल गुजरात के मेहसाणा की रहने वाली हैं. उनका जन्म 6 नवंबर 1986 को मेहसाणा जिले में वडगर के एक छोटे से गांव में हुआ था. भाविना जब महज एक साल की थी तब ही वो पोलिया की शिकार हो गई थी. उनके माता पिता ने इस बीमारी से निजात दिलाने के लिए विशाखापट्टन में भाविना का ऑपरेशन भी करवाया, जो कि असफल रहा.

इन सब कठिन हालात में भी भाविना ने अपने जीत के जज्बे को जिंदा रखा. उन्होंने शौकिया तौर पर टेबल टेनिस खेलना शुरू कर दिया. उन्होंने व्हीलचेयर से ही टेबल टेनिस खेलना शुरू किया और आगे चलकर इसी को अपना जुनून और करियर बनाने का ठान लिया.साल 2011 में भाविना ने पीटीटी थाईलैंड टेबल टेनिस चैंपियनशिप जीतकर इतिहास रच दिया था. इसके बाद उन्हें देश भर में पहचान मिली. अक्टूबर 2013 में बीजिंग एशियन पैरा टेबल टेनिस चैंपियनशिप में उन्होंने महिलाओं के सिंगल्स क्लास 4 इवेंट का जत पदक जीतकर इतिहास रच दिया. एक समय भाविना दुनिया की दूसरे नंबर की टेनिस खिलाड़ी थीं.

साल 2017 में एक बार फिर एशियन पैरा टेबल टेनिस चैंपियनशिप में भाविना ने कांस्य पदक अपने नाम किया था. भाविना क्लास 4 की पैरा एथलीट हैं. इस क्लास 4 कैटेगरी में शामिल खिलाड़ी अपने हाथों का इस्तेमाल करने में सक्षम होते हैं. जबकि उनकी कमर का निचला हिस्सा चोट या सेरेबल पाल्सी के चलते कमजोर होता है और काम नहीं करता है.

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