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कनाडा ने भारतीय स्टूडेंट्स को दिया बड़ा झटका, अब विदेश जाकर स्टडी करना हुआ मुश्किल

नई दिल्ली: कनाडा में पढ़ाई करने की चाहत रखने वाले अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को जस्टिन ट्रूडो सरकार ने तगड़ा झटका दिया है। दरअसल, अब यहां पढ़ाई करने के लिए आने वाले छात्रों को अधिक पैसा खर्च करना पड़ेगा। सरकार के नए फैसले के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को अपना मजबूत फाइनैंशियल बैकग्राऊंड दिखाना होगा। ब्रिटेन के बाद कनाडा का यह फैसला विशेष रूप से भारतीयों के लिए बड़ा झटका है। ब्रिटेन ने कुछ दिन पहले भारतीय कामगारों के लिए आर्थिक स्थिति की मजबूती की शर्त जोड़ने के साथ उनके अपने जीवनसाथी को ब्रिटेन ले जाने पर रोक लगा दी है।

1 जनवरी 2024 से लागू होगा। नए फैसले के अनुसार अगले वर्ष 1 जनवरी या उसके बाद प्राप्त नए अध्ययन परमिट आवेदनों के लिए आवेदक को यह दिखाना होगा कि उसके पास 20,635 अमरीकी डॉलर हैं जबकि पहले 10,000 अमरीकी डॉलर दिखाना होता था। 2000 के दशक की शुरूआत से एक आवेदक के लिए जीवन यापन की लागत 10,000 अमरीकी डॉलर पर स्थिर बनी हुई है लेकिन अब इसमें बदलाव करने का समय आ गया है। कनाडा के आप्रवासन, शरणार्थी और नागरिकता मंत्री, मार्क मिलर ने देश की अध्ययन परमिट आवश्यकताओं में महत्वपूर्ण सुधार की घोषणा की। मिलर ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को कनाडा में जीवन यापन करने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, ऐसे में जीवन यापन की लागत सीमा संशोधित करने की आवश्यकता है।

2018 के बाद से विदेश में 403 भारतीय छात्रों की हुई मौत
भारत सरकार की एक रिपोर्ट में 2018 के बाद से दूसरे देशों में विभिन्न कारणों से 403 भारतीय छात्रों की मौत का उल्लेख है। रिपोर्ट के अनुसार 34 देशों में कनाडा में सबसे अधिक 91 मौतें हुई हैं। विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने राज्यसभा में जानकारी दी कि 2018 से विदेश में रहने वाले भारतीय छात्रों की मौत की 403 घटनाएं सामने आई हैं। कनाडा में 2018 से 91 भारतीय छात्रों की मौत हुई। इसके बाद यूनाइटेड किंगडम (48), रूस (40), अमरीका (36), ऑस्ट्रेलिया (35), यूक्रेन (21), जर्मनी व साइप्रस (14-14), इटली और फिलीपीन्स (10-10) का नंबर आता है।।

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