साहित्य

भीख में मिली किताब ने बनाया कार्टूनिस्ट

जय प्रकाश मानस ”मैंने सबसे पहला कार्टून तब बनाया जब मैं स्कूल में पढ़ रहा था । काफ़ी ग़रीब होने…

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कहीं आपकी भाषा समाप्त न हो जाये !

जय प्रकाश मानस पीपुल्स लिंग्विस्टिक सर्वे ऑफ इंडिया (पीएलएसआई) नामक संस्था ने चिंता जताई है : “अगले 50 सालों में…

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घने जंगलों के बीच महकता कोई वनफूल

जय प्रकाश मानस मैं तो उस जगह की कल्पना ही नहीं कर सका था. यह तो मेरे प्रिय मित्र और…

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सम्पूर्णता से खिलने के लिए दीर्घजीवन जरूरी नहीं

हृदयनारायण दीक्षित : जीवन दिक्काल में है। कभी कभी काल का अतिक्रमण भी करता है जीवन इसलिए जीवन की कालगणना सतही…

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‘पृथ्वी माता है और आकाश पिता’

हृदयनारायण दीक्षित : सभी जीव मां का विस्तार हैं। मां न होती तो हम भी न होते। मां सृष्टि की…

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प्राकृतिक व्यवस्था है धर्म

हृदयनारायण दीक्षित : धर्म प्राकृतिक व्यवस्था है। भारत की धर्म देह विराट है। यह संपूर्ण अस्तित्व को आच्छादित करती है।…

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मैं मॉरीशस का गन्ना हूँ…

मॉरीशस से सविता तिवारी मैं गन्ना हूं, मॉरीशस का गन्ना, मॉरीशस का सबसे बुजुर्ग नागरिक हूँ मेरी उम्र तीन सौ…

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11 जुलाई : विश्व जनसंख्या दिवस पर विशेष लेख

संन्यासी जीवन जीकर संसार में लोक कल्याण की मिसाल प्रस्तुत करने वाले महापुरूषों की मानव जाति सदैव ऋणी रहेगी! लखनऊ…

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हजारों वर्ष प्राचीन और परिपूर्ण है ऋग्वेद

हृदयनारायण दीक्षित : वेद लोकमान्य हैं। ऋग्वेद प्राचीनतम है ही। प्राचीनतम को जानने की रूचि स्वाभाविक हैं। विश्व के सभी…

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ऋग्वेद में अग्नि उपासना

हृदयनारायण दीक्षित : अग्नि ऋग्वेद के प्रतिष्ठित देवता हैं। ऋग्वेद के मंत्रोदय के पहले से ही भारत के लोग अग्नि…

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वैदिक समाज में गाय और अश्व

हृदयनारायण दीक्षित : भारतीय जनमानस वैदिक काल से ही गाय के प्रति श्रद्धालु व अश्व के प्रति प्रेम से परिपूर्ण रहा…

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वैदिक काल में उन्नतिशील था कृषि कर्म

हृदयनारायण दीक्षित : वैदिक काल में हमारे पूर्वज आर्य कहे जाते थे। ऋग्वेद इन्हीं आर्यो की रचना है। कुछेक विद्वानों…

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‘काव्य क्षेत्रे काव्य किरीट सम्मान-2019’ से ओम नीरव सम्मानित

लखनऊ: पर्यावरण सप्ताह के मौके पर साहित्यिक व सामाजिक संस्था  काव्य क्षेत्रे के तत्वावधान में ” काव्य व सम्मान समारोह का…

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न.जाने क्यों….मेरा “हामिद” याद आता है वो “माँ” की चिमटी के साथ….

ईदगाह कहानी: रमजान के पूरे तीस रोजों के बाद ईद आयी है। कितना मनोहर, कितना सुहावना प्रभाव है। वृक्षों पर…

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मन के तल पर होता है दुख और सुख का अनुभव

हृदयनारायण दीक्षित : मन शक्तिशाली है। दुख और सुख का अनुभव मन के तल पर होता है। मन हमारे अनुसार…

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किसी कुत्सित धारणा के आधार पर सत्य से भिन्न बोलना समाज विरोधी है

‘सत्य का आग्रह’ वैदिक काल से प्राचीन है। हृदयनारायण दीक्षित : सत्याग्रह सत्य का आग्रह है। भारत में सत्य के…

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प्रकृति से शांतिप्रिय हैं भारतवासी, शांतिप्रियता का अनुचित लाभ उठाते थे अंगे्रज

हृदयनारायण दीक्षित : भारतवासी प्रकृति से शांतिप्रिय हैं। इसके कारण उनकी उदात्त सभ्यता में खोजे जाने चाहिए। शांतिप्रियता उत्कृष्ट जीवन…

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आधी आबादी को क्यों न मिले पूरी आजादी?

आशा त्रिपाठी : आचार्य कौटिल्य ने अर्थशास्त्र में कहा था कि महिलाओं की सुरक्षा ऐसी होनी चाहिए कि महिला खुद…

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पाकिस्तान प्राकृतिक राष्ट्र नहीं है, मजहब के आधार पर भारत विभाजन से यह एक मुल्क बना

हृदयनारायण दीक्षित : भारत पाक के मध्य युद्ध की स्थिति है। पाकिस्तान की तरफ से मुसलसल युद्ध है। आमने सामने…

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पुलवामा हमले के बाद राष्ट्रीय एकता सूत्र में बंध गया देश

हृदयनारायण दीक्षित : भारत का स्वभाव राष्ट्रभाव है। कश्मीर पुलवामा की घटना के बाद यही राष्ट्रभाव चारो ओर प्रकट हो…

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अजर और अमर है भारतीय जनतंत्र

हृदयनारायण दीक्षित : भारतीय जनतंत्र अजर-अमर है। यह भारतीय समाज की मूल प्रकृति है। राष्ट्रजीवन का स्वाभाविक प्रवाह और भारत…

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हर व्यक्ति का स्वाद अलग, लेकिन मधु पदार्थ सभी को करता है आकर्षित

हृदयनारायण दीक्षित : स्वाद दिखाई नहीं पड़ता। सबके अपने स्वाद बोध हैं। इसलिए सबका स्वादिष्ट भी अलग-अलग है। लेकिन मीठा सबको…

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सतत कर्म का कोई विकल्प नहीं

हृदयनारायण दीक्षित: प्रकृति की सभी शक्तियां गतिशील हैं। हम पृथ्वी से हैं, पृथ्वी में हैं। पृथ्वी माता है। पृथ्वी सतत् गतिशील…

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सब जीना चाहते हैं, लेकिन मृत्यु निश्चित है

हृदयनारायण दीक्षित : जीने की इच्छा में मृत्यु का भय अंतनिर्हित है। जितनी गहरी जीवेष्णा उतना ही गहरा असुरक्षा का…

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अमृत प्यास का कुम्भ

हृदयनारायण दीक्षित : अमृत प्राचीन प्यास है। कोई मरना नहीं चाहता लेकिन सभी जीव मरते हैं। मृत्यु को शाश्वत सत्य…

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रामधारी सिंह दिवाकर को श्रीलाल शुक्ल साहित्य सम्मान

नई दिल्ली : कथाकार रामधारी सिंह दिवाकर को प्रतिष्ठित श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान से सम्मानित किया गया। सुविख्यात साहित्यकार…

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फैसला

सोफे पर अधलेटा सा सन्नी मेज पर अपनी टांगे पसारे टेलिविजन पर समाचार देख रहा था। जेड गूडि की आकस्मिक…

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प्रकृति प्रेमी है वैदिक समाज, वह सूर्य को नमस्कार करता है, उनसे बुद्धि मांगता है

ऋग्वेद से लेकर अथर्ववेद तक गायों की प्रशंसा है। महाकाव्य और पुराण गोयश से भरे पूरे हैं। वेदों में गाय…

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