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कांग्रेस को दिवाली से पहले मिल जाएगा नया अध्यक्ष

नयी दिल्ली : कांग्रेस ने अपने नये अध्यक्ष के चुनाव के लिए विस्तृत कार्यक्रम की रविवार को घोषणा की जिसके मुताबिक 24 सितंबर से नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया आरंभ होगी और एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को चुनाव होगा। चुनाव कार्यक्रम घोषित करने के साथ ही, पार्टी ने कहा कि देश का वह इकलौता ऐसा दल हैं जिसमें लोकतांत्रिक ढंग से चुनाव होते हैं।

पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की आॅनलाइन बैठक में कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण की ओर से पेश चुनाव कार्यक्रम को मंजूरी दी गई। इस बैठक में राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की मांग से जुड़ा विषय नहीं उठा, हालांकि बैठक के बाद कई पार्टी नेताओं ने कहा कि राहुल गांधी को अध्यक्ष बनना चाहिए।

सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कार्य समिति की बैठक में अध्यक्ष के चुनाव के लिए निर्वाचन सूची तैयार किए जाने को लेकर सवाल खड़े किए और यह पूछा कि पार्टी के संविधान के तहत उचित प्रक्रिया का पालन किया गया या नहीं। दूसरी तरफ, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि बैठक में किसी नेता ने कोई सवाल और संदेह व्यक्त नहीं किया।

सीडब्ल्यूसी की करीब 30 मिनट की बैठक के बाद पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री ने संवाददाताओं को बताया कि चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया 24 सितंबर को आरंभ होगी और इसकी आखिरी तिथि 30 सितंबर होगी । इस अवधि के दौरान सुबह 11 बजे से अपराह्न तीन बजे तक नामांकन दाखिल किये जा सकेंगे। उन्होंने बताया कि नामांकन पत्रों की जांच एक अक्टूबर को होगी, जबकि नामांकन पत्र आठ अक्टूबर तक वापस लिये जा सकते हैं।

मिस्त्री ने कहा कि एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को चुनाव होगा। उन्होंने कहा कि मतदान सुबह 10 बजे से अपराह्न चार बजे तक होगा और 19 अक्टूबर को मतगणना के बाद परिणाम घोषित किया जाएगा।

कांग्रेस के चुनाव कार्यक्रम के अनुसार, उसे दिवाली से पहले नया अध्यक्ष मिल जाएगा। दिवाली 24 अक्टूबर को है। कांग्रेस अध्यक्ष को चुनने के लिए 9000 से अधिक प्रतिनिधि (डेलीगेट्स) मतदान कर सकेंगे।

पार्टी के संगठन महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने बताया कि चुनाव कार्यक्रम को सर्वसम्मति से मंजूरी दी गई। उन्होंने कहा कि पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण ने चुनाव कार्यक्रम तैयार किया था, जिसे कार्य समिति ने मंजूरी दी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्य समिति ने चार सितंबर को दिल्ली में ‘महंगाई पर हल्ला बोल’ रैली आयोजित करने, सात सितंबर से ‘भारत जोड़ो’ यात्रा शुरू करने को लेकर संकल्प जताया।

सीडब्ल्यूसी की आॅनलाइन बैठक अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे सोनिया गांधी की अध्यक्षता में शुरू हुई, जो चिकित्सा जांच के लिए विदेश में हैं। इस दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा भी सोनिया के साथ मौजूद रहे।

बैठक में आनंद शर्मा, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन ंिसह, पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री, के.सी. वेणुगोपाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश, मुकुल वासनिक और पी. चिदंबरम के अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी उपस्थित रहे।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण ने जो चुनाव कार्यक्रम कार्य समिति के समक्ष रखा, उसे लेकर किसी ने कोई सवाल खड़ा नहीं किया, उसे उसी तरह मंजूरी प्रदान कर दी गई।

रमेश ने कहा, ‘‘हमारे देश में कांग्रेस एकमात्र राजनीतिक दल है जहां इस तरह से चुनाव होता है। पार्टी में हर स्तर पर और खासकर अध्यक्ष के स्तर पर चुनाव हुए हैं और होंगे।’’ वेणुगोपाल ने कहा कि अध्यक्ष पद के लिए कोई भी नामांकन दाखिल कर सकता है। मिस्त्री ने कहा कि अगर नामांकन वापस लेने की अवधि पूरी होने के बाद एक ही उम्मीदवार बचता है तो उसी दिन उसे विजेता घोषित कर दिया जाएगा। कांग्रेस कार्य समिति ने सोनिया गांधी के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव का कार्यक्रम घोषित होने के साथ ही महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और ‘जी 23’ के सदस्य पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि पार्टी को बचाने के लिए अब कदम उठाने होंगे और अगर किसी को ‘कठपुतली अध्यक्ष’ बनाकर ‘बैकसीट ड्राइंिवग’ (पीछे से चलाने) की कोशिश हुई, तो कांग्रेस नहीं बच पाएगी।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में यह भी कहा कि कांग्रेस कार्य समिति समेत सभी पदों के लिए चुनाव होना चाहिए।

कांग्रेस कार्य समिति ने चुनाव कार्यक्रम को ऐसे समय मंजूरी दी है जब हाल ही में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कई नेताओं ने सार्वजनिक रूप से राहुल गांधी से पार्टी अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी संभालने की अपील की है। हालांकि इस मुद्दे पर अनिश्चितता बरकरार है। कुछ पार्टी नेताओं की मानें तो राहुल गांधी अपने इस रुख पर कायम हैं कि वह कांग्रेस अध्यक्ष नहीं बनेंगे।

सीडब्ल्यूसी ने पिछले साल जिस कार्यक्रम को मंजूरी दी थी, उसके मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया 21 अगस्त से 20 सितंबर के बीच पूरी की जानी थी।

राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी पार्टी की कमान संभाल रही हैं।

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