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वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय कर्मियों के महंगाई भत्ते को दी मंजूरी

नई दिल्ली : केंद्र सरकार के कर्मियों के लिए बड़ी खबर है। वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बाद अब डीए की फाइल केंद्रीय कैबिनेट के पास पहुंच गई है। सरकार के सूत्रों का कहना है कि कैबिनेट की बैठक के एजेंडे में शामिल फाइल पर अब किसी भी वक्त मुहर लग सकती है। ऐसी संभावना है कि बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में महंगाई भत्ते को मंजूरी मिल जाएगी। केंद्र सरकार के कर्मियों और पेंशनरों को 4 फीसदी महंगाई भत्ता/महंगाई राहत मिलने का काउंटडाउन शुरू हो गया है।

सूत्रों का कहना है कि दीवाली से पहले कर्मियों और पेंशनरों को अक्तूबर की सेलरी में डीए/डीआर की दरों में बढ़ोतरी का असर नजर आएगा। पिछले साल केंद्रीय कैबिनेट ने 28 सितंबर को डीए की दरों में चार फीसदी बढ़ोतरी की घोषणा की थी। चूंकि गत वर्ष 24 अक्तूबर को दीवाली थी, इसलिए सरकार ने सितंबर के आखिरी सप्ताह में डीए/डीआर की घोषणा थी। इस बार 24 अक्तूबर को दशहरा है और दीवाली 12 नवंबर की है। ऐसे में अब किसी भी वक्त कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है।

लगभग एक करोड़ कर्मचारियों और पेंशनरों को पहली जुलाई से 4 फीसदी डीए वृद्धि की सौगात मिलेगी। पिछले दिनों राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) स्टाफ साइड की बैठक में भी यह मुद्दा उठा था। अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव सी.श्रीकुमार के मुताबिक, इस बार कर्मियों का डीए 46 प्रतिशत हो जाएगा। केंद्र सरकार, डीए में चार फीसदी की बढ़ोतरी करेगी। जनवरी 2024 में जब डीए में चार फीसदी की बढ़ोतरी (संभावित) होगी और महंगाई भत्ता 50% हो जाएगा तो केंद्र सरकार को नए वेतन आयोग की घोषणा करनी पड़ेगी। केंद्रीय कैबिनेट ने पिछले साल 28 सितंबर को डीए की दरों में चार फीसदी बढ़ोतरी की घोषणा की थी।

केंद्र सरकार के कर्मियों और पेंशनरों को दीवाली से पहले महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत का तोहफा मिल गया था। वह भत्ता पहली जुलाई 2023 से जारी हुआ था। उस वक्त 34 प्रतिशत की दर से मिल रहा महंगाई भत्ता, 38 प्रतिशत हो गया था। उसके बाद जनवरी 2023 से उक्त भत्ते में दोबारा से चार फीसदी की वृद्धि हो गई। मौजूदा समय में महंगाई भत्ता, 42 प्रतिशत की दर से मिल रहा है।

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई 2023 (अनंतिम) में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र को मिलाकर महंगाई के अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) की दर 7.44 प्रतिशत रही है। जून 2023 (अंतिम) में संयुक्त सीपीआई दर 4.87 प्रतिशत थी। जुलाई 2022 में यही संयुक्त दर 6.71 प्रतिशत थी। जुलाई 2023 (अनंतिम) में उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) की संयुक्त दर 11.51 थी, जबकि जून 2023 (अंतिम) में संयुक्त सीएफपीआई दर 4.55 प्रतिशत थी। जुलाई 2022 में संयुक्त सीएफपीआई दर 6.69 प्रतिशत थी।

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