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गुलाम नबी आजाद का जम्‍मू-कश्‍मीर में नई पार्टी बनाने से इंकार, इशारों ही इशारों में कहा कि कौन जानता है कि भविष्‍य में क्‍या होगा

श्रीनगर। कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं में शामिल गुलाम नबी आजाद ने जम्‍मू-कश्‍मीर में नई पार्टी बनाने से इंकार कर दिया है हालांकि उन्‍होंने इशारों ही इशारों में ये भी कह दिया है कि कौन जानता है कि भविष्‍य में क्‍या होगा। दरअसल आजाद लगातार जम्मू-कश्मीर में रैलियों को संबोधित कर रहे हैं, जिससे अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह एक नई पार्टी बना रहे हैं। गुलाम नबी आजाद के लगातार रैली करने और उनके 20 वफादारों के एक के बाद एक इस्‍तीफे ने कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है। हालांकि उन्होंने कहा है कि रैलियां जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक गतिविधियों को दोबारा शुरू करने के लिए की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य का दर्जा खत्म करने के बाद जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक गतिविधियां ठंडे बस्ते में चली गई हैं। पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की बगावत के बाद अब ऐसा लग रहा है कि जम्मू कश्मीर में वरिष्‍ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने भी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आज़ाद इन दिनों जम्मू कश्मीर में ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं। खास बात ये है कि इन रैलियों में वो कांग्रेस के खिलाफ बयानबाज़ी कर रहे हैं। राजनीति गलियारों में ऐसी खबरें हैं कि गुलाम नबी आज़ाद खुद अपनी पार्टी लॉन्च कर सकते हैं। हालां‍कि आजाद ने कहा वह अपनी अभी कोई पार्टी नहीं बना रहे हैं। उन्होंने कहा, कोई नहीं कह सकता कि राजनीति में आगे क्या होगा, जैसे कोई नहीं जानता कि वह कब मर जाएगा। राजनीति में आगे क्या होगा इसकी भविष्यवाणी कोई नहीं कर सकता, लेकिन पार्टी बनाने का मेरा कोई इरादा नहीं है।

गुलाम नबी ने कांग्रेस के आलाकमान पर निशाना साधते हुए कहा कि अब कोई आलोचना सुनना नहीं चाहता है और बोलने पर दरकिनार कर दिया जाता है। आजाद ने कहा कि कोई भी नेतृत्व को चुनौती नहीं दे रहा है। एक समय में जब पार्टी के अंदर सब कुछ सही नहीं चल रहा था उस वक्‍त इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने मुझे बहुत अधिक स्वतंत्रता दी थी। वे आलोचनाओं का कभी बुरा नहीं मानते थे। वे इसे आक्रामक रूप में भी नहीं देखते थे लेकिन आज का नेतृत्व इसे आक्रामक रवैये के रूप में देखता है। जम्मू-कश्मीर कांग्रेस में राजनीतिक तस्वीर तेज़ी से बदल रही है। गुलाम नबी आजाद के करीब 20 करीबी नेताओं ने पिछले दो हफ्तों में पार्टी के अलग-अलग पदों से इस्तीफा दे दिया है। अपने इस्तीफे में नेताओं ने गुलाम अहमद मीर को राज्य इकाई के प्रमुख के पद से हटाने सहित कांग्रेस में व्यापक बदलाव की मांग है। इन नेताओं ने आरोप लगाया है कि उन्हें प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व के ‘शत्रुतापूर्ण रवैये’ के चलते ये कदम उठाना पड़ा। जम्मू और कश्मीर में कांग्रेस के उपाध्यक्ष जीएन मोंगा ने कहा, ‘हमने पार्टी आलाकमान से अनुरोध किया है कि पार्टी के भीतर कुछ समस्याएं हैं। लिहाज़ा उन्हें दूर किया जाए। जहां तक ​​आजाद साहब का सवाल है, वो लंबे समय से हमारे नेता हैं।’ मोंगा ने चिट्ठी में जम्मू-कश्मीर कांग्रेस प्रमुख को हटाने के लिए भी कहा है।

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