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सरकार ने बनाया धांसू प्लान, प्याज की कीमत पर लगेगी लगाम

नई दिल्ली: प्याज की कीमत में लगातार तेजी की वजह से आम लोगों को परेशानी शुरू हो गई है. एक दिन पहले रिपोर्ट आई थी ऑल इंडिया लेवल पर प्याज की औसत कीमत में 57 फीसदी का इजाफा हो गया है. जो एक साल पहले प्याज के दाम 30 रुपए थे. वो ही दाम अब 47 रुपए प्रति किलो ग्राम हो गए हैं. प्याज की महंगाई की आंच सरकार तक ना पहुंचे और आम लोगों की दिलों में ना भड़के. उससे पहले ही सरकार ने इस पर काम करना शुरू कर दिया है. सरकार ने ऐसा प्लान बना लिया है. जिससे प्याज की कीमतों को कम करने में मदद मिलेगी. आइए आपको भी बताते हैं, आखिर प्याज की कीमत पर सरकार ने क्या प्लान बनाया है.

प्याज की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमत 57 प्रतिशत बढ़कर 47 रुपये प्रति किलोग्राम होने के बाद सरकार ने कंज्यूमर्स उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए खुदरा बाजारों में 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर बफर स्टॉक से प्याज की सेल बढ़ाने का शुक्रवार को फैसला किया. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, प्याज की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमत शुक्रवार को बढ़कर 47 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जो एक साल पहले समान अवधि में 30 रुपये प्रति किलोग्राम थी. आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में शुक्रवार को प्याज की खुदरा कीमत 40 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जबकि एक साल पहले समान अवधि में यह 30 रुपये प्रति किलोग्राम थी.

उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि हम अगस्त के मिड से बफर स्टॉक से प्याज दे रहे हैं और कीमतों में और वृद्धि को रोकने तथा कंज्यूमर को राहत देने के लिए हम खुदरा बिक्री बढ़ा रहे हैं. मंत्रालय के अनुसार, जिन राज्यों में कीमतों में तेज वृद्धि हो रही है वहां थोक और खुदरा दोनों बाजारों में बफर स्टॉक से प्याज दिया जा रहा है. अगस्त के मध्य से 22 राज्यों में विभिन्न स्थानों पर बफर स्टॉक से करीब 1.7 लाख टन प्याज दिया गया. खुदरा बाजारों में, बफर स्टॉक के प्याज को दो सहकारी निकायों भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ की दुकानों तथा वाहनों के जरिए 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर बेचा जा रहा है. दिल्ली में भी बफर स्टॉक का प्याज इसी रियायती दर पर बेचा जा रहा है.

मंत्रालय के एक सीनियर ऑफिसर ने बताया कि मौसम संबंधी कारणों से खरीफ प्याज की बुआई में देरी के कारण कम फसल हुई और फसल की आवक में दरी हुई. अधिकारी ने बताया कि ताजा खरीफ प्याज की आवक अब तक शुरू हो जानी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. भंडारित रबी प्याज खत्म होने और खरीफ प्याज के आने में देरी के कारण सप्लाई की स्थिति खराब है, जिसकी वजह से थोक और खुदरा दोनों बाजारों में कीमतें बढ़ रही हैं.

उन्होंने कहा कि सरकार ने चालू वर्ष 2023-24 में प्याज के लिए बफर स्टॉक को दोगुना किया है. इससे घरेलू उपलब्धता में सुधार होगा और आने वाले दिनों में बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगेगा. वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एनसीसीएफ और एनएएफईडी के जरिए पांच लाख टन का बफर स्टॉक बनाए रखा है और आने वाले दिनों में अतिरिक्त दो लाख टन प्याज खरीदने की योजना है.

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