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J&K: घाटी में बढ़ाए जाएंगे 10 हजार सुरक्षा बल, महबूबा-अब्दुल्ला को होने लगी परेशानी

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में केंद्र सरकार आतंकियों को सबक सिखाने में तनिक भी ढील देने के मूड में नहीं है. राज्य में आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए मोदी सरकार ने यहां अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती का फैसला लिया है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल (Ajit Doval) के जम्मू कश्मीर दौरे से लौटते ही वहां 10 हजार अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजने का फैसला लिया गया है.

बताया जा रहा है कि कुछ जवान कश्मीर में पहुंचाए भी जा चुके हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि अतिरिक्त केंद्रीय बलों की तैनाती से कश्मीर में आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने का अभियान मजबूत होगा. साथ ही राज्य में कानून-व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाए रखने में मदद मिलेगी. बताया जा रहा है कि 15 अगस्त तक श्रीनगर में 15, पुलवामा और सोपोर में 10-10, बाकी 10 जिलों में 5-5 कंपनियां तैनात होंगी.

बता दें, कश्मीर में पहले से 40 हजार अतिरिक्त जवान हैं. ज्यादातर इन दिनों अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा में लगे हैं. नए जवानों की तैनाती को आगामी विधानसभा चुनावों से भी जोड़ा जा रहा है, जो इसी साल के आखिर में हो सकते हैं. इसी साल फरवरी में पुलवामा हमले के बाद भी केंद्र ने जम्मू-कश्मीर में पैरा-मिलिट्री की 100 अतिरिक्त कंपनियां भेजी थीं.

सुरक्षाबल बढ़ाए जाने से महबूबा-अब्दुल्ला नाराज
सुरक्षाबलों की 100 कंपनियां तैनात करने के फैसले का महबूबा मुफ्ती ने विरोध किया है. महबूबा ने कहा कि कश्मीर में सुरक्षा बलों की कमी नहीं, राजनीतिक समस्या को सैन्य तरीकों से हल नहीं किया जा सकता. पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने इससे घाटी के लोगों में डर फैलने की बात कही है. हालांकि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जवानों की इस रवानगी को सामान्य घटना बताया और कहा कि आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन और कानून-व्यवस्था में मदद के लिए इन्हें भेजा जा रहा है.

जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी घाटी में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कानून व्यवस्था और दूसरे काम पर भी आपत्ति जताई है.

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