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RSS की अहम बैठक में छाए रहेंगे चुनावी नतीजे, जेपी नड्डा और बीएल संतोष भी होंगे शामिल

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अहमदाबाद में 11 से 13 मार्च तक होने वाली प्रतिनिधि सभा की बैठक में संघ के भावी एजेंडे के साथ पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे छाए रहेंगे। हालांकि, संघ का इस बैठक के लिए सबसे बड़ा एजेंडा अपने शताब्दी वर्ष की तैयारियों को अंतिम रूप देना है। इस बैठक में संघ से जुड़े भाजपा समेत सभी आनुषंगिक संगठन भाग लेते हैं, इसलिए भी चुनावी नतीजों और भावी राजनीतिक परिस्थितियों को लेकर चर्चा होगी। प्रतिनिधि सभा के बैठक से एक दिन पहले 10 मार्च को पांच राज्यों के चुनावी नतीजे आएंगे। इनमें चार राज्य ऐसे हैं जहां भाजपा की अपनी सरकार है। इनमें देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश भी शामिल है, इसलिए यह नतीजे भविष्य की राजनीति को भी प्रभावित करेंगे। ऐसे में इन में जीत-हार और नफा – नुकसान को लेकर भी संघ मंथन करेगा।

जेपी नड्डा और बीएल संतोष भी रहेंगे बैठक में
सूत्रों के अनुसार, संघ के एजेंडे में राजनीतिक चर्चा नहीं है, लेकिन जिन परिस्थितियों में बैठक होगी, उनमें अनौपचारिक चर्चा में जरूर यह मुद्दा रहेगा। संघ परोक्ष रूप से भी भाजपा की मदद करता है। संघ के अधिकांश स्वयंसेवक भाजपा से ही जुड़े हुए हैं, इसका भी काफी असर होता है। बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और महामंत्री संगठन बीएल संतोष भी हिस्सा लेंगे। ऐसे में संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ उनकी चुनाव नतीजों को लेकर चर्चा भी होगी।

2024-25 संघ का शताब्दी वर्ष
संघ की स्थापना 1925 में हुई थी। ऐसे में 2024-25 उसका शताब्दी वर्ष होगा। संघ ने अपने शताब्दी वर्ष के लिए 2021 से 2024 तक की योजना बनाई हुई थी, लेकिन कोरोना महामारी के चलते इसमें एक साल ज्यादा काम नहीं हो पाया। इसलिए 2022-23 का साल उसके लिए काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि 2023 से 2024 के बीच शताब्दी वर्ष के कार्यक्रम बड़े स्तर पर शुरू हो जाएंगे।

संघ के कार्यों का होगा विस्तार
संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया है कि अभी देश में 55 हजार स्थानों पर संघ का काम चल रहा है, उसको एक लाख तक पहुंचाने की योजना है। संघ ने अपने कार्यकर्ताओं से और संगठनों से मंडल व जिला स्तर की कार्ययोजना तैयार करने को कहा है। संघ के भावी एजेंडे में पूर्वोत्तर, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख एवं तमिलनाडु में कार्य विस्तार है। बैठक में राष्ट्रीय महत्व और समसामयिक विषयों पर कुछ प्रस्ताव भी पारित किए जाएंगे।

इस बार आ सकती है पूरी संख्या
संघ की प्रतिनिधि सभा की बैठक में विभिन्न आनुषंगिक संगठनों के 1490 सदस्यों के हिस्सा लेने की अपेक्षा की जाती है। हालांकि, पिछले साल कोरोना के चलते संख्या 500 तक सीमित कर दी गई थी, लेकिन इस बार इसकी संख्या में बढ़ोतरी की जाएगी। हालात सामान्य रहे तो सभी को भी बुलाया जा सकता है।

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