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भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया

मध्य प्रदेश। कांग्रेस सरकार की जड़ें हिलाने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया बुधवार को भाजपा में शामिल हो गए। सिंधिया भाजपा के राष्ट्रीय कार्यालय में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए।

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बता दें कि सिंधिया ने होली पर मंगलवार को कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद मध्य प्रदेश में इस्तीफों की झड़ी-सी लग गई। वे अपने 19 बागी विधायक समर्थकों के इस्तीफे वाली ग्रुप फोटो के साथ सामने आ गए।

सिंधिया ने 27 घंटे पहले कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। भाजपा मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सिंधिया को सदस्यता दिलवाई। सिंधिया थोड़ी ही देर में भोपाल के लिए रवाना होंगे। वे शुक्रवार को राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल कर सकते हैं। शुक्रवार को ही मध्यप्रदेश की 3 राज्यसभा सीटों पर चुनाव के लिए नामांकन का आखिरी दिन है। खबरें आ रही हैं कि भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा सिंधिया के पार्टी में आने से नाराज हैं। उन्होंने अपनी नाराजगी आलाकमान के सामने जाहिर भी कर दी है।
सिंधिया के भाजपा में शामिल होने पर जेपी नड्डा ने कहा कि आज हम सबके लिए खुशी का विषय है। मैं वरिष्ठतम नेता स्वर्गीय राजमाता सिंधियाजी को याद करता हूं, जो भारतीय जनसंघ में थीं। जनसंघ और भाजपा की स्थापना से लेकर विचारधारा को बढ़ाने में राजमाता सिंधियाजी का बहुत बड़ा योगदान रहा है। हमारे लिए राजमाताजी आदर्श थीं, दृष्टि और दिशा देने वाली नेता रहीं। जनसंघ और भाजपा के शैशव काल से ही उन्होंने दिनरात काम किया। हमारे लिए खुशी की बात है कि उनके पौत्र ज्योतिरादित्य सिंधियाजी भाजपा में शामिल हुए हैं। मैं उनका अभिनंदन करता हूं।
नड्डा ने कहा कि ज्योतिरादित्यजी के नेतृत्व और प्रखरता से हम वाकिफ हैं। ये परिवार के सदस्य हैं। हम जानते हैं कि मोदीजी के नेतृत्व में हमारा मंत्र सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास है। मोदीजी के नेतृत्व में इन्हें मुख्यधारा में काम करने का मौका मिलेगा। सिंधियाजी को भाजपा की गतिविधियों में शामिल होने और देश के भविष्य को बदलने का मौका मिलेगा।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा  कि मैं सबसे पहले नड्डाजी, नरेंद्र मोदीजी, अमित शाहजी को धन्यवाद देना चाहूंगा। इन लोगों ने मुझे अपने परिवार में आमंत्रित किया, स्थान दिया। मेरे जीवन में दो तारीखें बहुत महत्वपूर्ण रहीं। कई बार जीवन में ऐसे मोड़ आते हैं, जो जीवन को बदलकर रख देते हैं। पहला दिवस 30 सितंबर 2001, जिस दिन मैंने अपने पूज्य पिताजी को खोया। एक जवीन बदलने का दिवस था। दूसरी तारीख 10 मार्च 2020, जो उनकी 75वीं वर्षगांठ थी। जहां जीवन में एक नई परिकल्पना और नए मोड़ का सामना करके मैंने एक फैसला लिया। मैंने हमेशा माना है कि जिंदगी में हमारा लक्ष्य जनसेवा होना चाहिए। राजनीति केवल उस लक्ष्य की पूर्ति करने का एक माध्यम होना चाहिए, उससे ज्यादा नहीं। मेरे पूज्य पिताजी और 18-19 साल में जो वक्त मुझे मिला, प्राणप्रण और श्रद्धा के साथ प्रदेश और देश की सेवा करने की कोशिश की। मन व्यथित और दुखी है, जो स्थिति आज उत्पन्न हुई…मैं यह विश्वास के साथ कह सकता हूं कि जनसेवा के लक्ष्य की पूर्ति आज कांग्रेस के माध्यम से नहीं हो पा रही है।

“वर्तमान में जो स्थिति कांग्रेस पार्टी में है, कांग्रेस आज पहले जैसी नहीं रही। तीन बिंदु हैं। वास्तविकता से इनकार करना, वास्तविकता से इनकार करके जो इबारत लिखी जाती है, उसका समावेश न करना। जड़ता का वातावरण है। नई सोच-विचारधारा, नए नेतृत्व को मान्यता न मिलना। मैं मानता हूं कि इस वातावरण में, जहां राष्ट्रीय स्तर की जो स्थिति है, वही मध्य प्रदेश में है। मध्य प्रदेश में 2018 में जब सरकार बनी थी तो एक सपना मैंने संजोया था। 18 महीनों में वे सपने पूरी तरह बिखर गए। किसानों की बात हो, 10 दिन में कर्जमाफी की बात की थी, पूरा नहीं हुआ। बोनस, ओलावृष्टि का मुआवजा नहीं मिला। मंदसौर के गोलीकांड के बाद मैंने सत्याग्रह छेड़ा था, लेकिन आज भी हजारों किसानों पर केस लगे हैं। नौजवान भी बेबस है। रोजगार के अवसर नहीं हैं। वचन पत्र में कहा गया था कि हर महीने अलाउंस दिया जाएगा, उसकी सुध नहीं ली गई। भ्रष्टाचार के बड़े अवसर उत्पन्न हो गए हैं। ट्रांसफर उद्योग, रेत का माफिया मध्य प्रदेश में चल रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर अलग विडंबना और राज्य स्तर पर अलग स्थिति। जब कोई सत्य और मूल्यों के आधार पर चलता है तो मैंने निर्णय लिया कि भारत को प्रगति के रास्ते पर चलाना होगा, तो मैं खुद को सौभाग्यशाली समझता हूं कि मुझे वह मंच प्रदान किया गया है, जिसके आधार पर जनसेवा और राष्ट्रसेवा पर आगे बढ़ पाएंगे। किसी भी प्रधानमंत्री को ऐसा जनादेश नहीं मिला, जो हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी को दो बार मिला।’’

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