मध्य प्रदेशराज्य

हिंदी दिवस पर मंत्री सारंग ने चिकित्सा विद्यार्थियों को दी बड़ी सौगात

भोपाल : चिकित्सा जगत में विश्व प्रख्यात जर्नल ‘द लानसेट’ जल्द ही हिंदी में भी प्रकाशित होगा। गुरुवार को हिंदी दिवस के मौके पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने इसकी घोषणा की। मंत्री सारंग ने ‘द लानसेट’ की डिप्टी पब्लिशिंग हेड फियोना मेकलेव और एलजीवियर पब्लिकेशन इण्डिया के प्रमुख शंकर कौल के साथ बताया कि एमबीबीएस की अंग्रेजी पुस्तकों का हिंदी में लिप्यान्तरण का कार्य कर रहा ‘हिंदी चिकित्सा प्रकोष्ठ मंदार’ ही जर्नल के हिंदी रूपांतरण कार्य को संपादित करेगा। इसके लिये शीघ्र ही अधिकृत एमओयू किया जाएगा, जो आगामी तीन वर्ष (2024-27) के लिए होगा, जिसकी कार्यवाही प्रचलन में हैं।

मंत्री श्री सारंग ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मध्यप्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के सपने को साकार करते हुए चिकित्सा शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश ने देश में पहली बार हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई प्रारंभ की है। उन्होंने कहा कि हिंदी माध्यम के चिकित्सा विद्यार्थियों को हिंदी में मेडिकल की पुस्तकों के बाद चिकित्सा शोध को भी हिंदी में उपलब्ध करवाया जायेगा। द लानसेट विश्व का सबसे प्रमुख एवं सबसे प्रभावशील शोध जर्नल है।

मंत्री श्री सारंग ने बताया कि जर्नल के हिंदी रूपांतरण को लेकर विगत कई दिनों से हुई चर्चा में परिणाम स्वरूप अब चिकित्सा शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश और ‘द लानसेट’ – रीजनल हेल्थ साउथ ईस्ट एशिया का हिंदी भाषा में भी रूपांतरण करेंगे।

मंत्री श्री सारंग ने बताया कि ‘द लानसेट’ अंग्रेजी भाषा के साथ ही स्पेनिश और पुर्तगाली में भी प्रकाशित किया जाता है। वहीं अब हिंदी विश्व की चौथी भाषा होगी, जिसमें इसका प्रकाशन होगा। द लांसेट- रीजनल हेल्थ साउथ ईस्ट एशिया जर्नल के हिंदी में उपलब्ध होने से चिकित्सा विद्यार्थियों एवं चिकित्सकों को शोध के क्षेत्र में भी रिसर्च कंटेंट स्थानीय भाषा में मिल सकेगा। जर्नल के ट्रांसलिट्रेशन का कार्य हिंदी प्रकोष्ठ चिकित्सा शिक्षा विभाग के चिकित्सकों द्वारा किया जायेगा।

मंत्री श्री सारंग के साथ ‘द लेनसेट’ की डिप्टी पब्लिकेशन हेड फियोना मैकलेब और एलजीवियर पब्लिकेशन के प्रमुख श्री शंकर कौल ने गांधी चिकित्सा महाविद्यालय में स्थापित हिंदी प्रकोष्ठ चिकित्सा शिक्षा मंदार का अवलोकन किया।

मंत्री श्री सारंग ने कहा कि देश में पहली बार हिंदी में एमबीबीएस प्रथम वर्ष की पाठ्य-पुस्तकों का लिप्यांतरण का कार्य हिंदी प्रकोष्ठ चिकित्सा शिक्षा – ‘मंदार’ द्वारा मात्र 4 माह के रिकॉर्ड समय में किया गया था। इस बार एमबीबीएस द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ वर्ष की हिंदी पाठ्य-पुस्तकों का लिप्यांतरण 30 सितंबर तक पूरा कर हम अपना ही रिकॉर्ड तोड़ने जा रहे हैं।।

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