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लोकसभा और विधानसभा चुनाव महाराष्ट्र में MVA साथ मिलकर लड़ेंगे

मुंबई : महाराष्ट्र में अपनी सरकार गिरने के बाद महा विकास अघाड़ी (Maha Vikas Aghadi-MVA) की पहली बैठक में तीनों सहयोगी पार्टियों ने बीजेपी के खिलाफ एकजुटता का संदेश दिया. ये फैसला किया कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस विधानसभा (Maharashtra Assembly Elcetion) और लोकसभा (Loksabha Election 2024) दोनों चुनाव एक साथ लड़ेंगी. जबकि स्थानीय निकाय चुनावों को साथ लड़ने पर कोई सहमति नहीं बन सकी. बैठक में पूर्व सीएम और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने हिस्सा लिया. सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार उद्धव ठाकरे इस बैठक में शामिल होने के लिए विधानसभा भवन पहुंचे थे.

विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के सर्वसम्मति से 2024 के लोकसभा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों में एकजुट होने का संकल्प बीजेपी और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले विद्रोही शिवसेना गुट के सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए एक बड़ी चुनौती मानी जा रही है.

एमवीए घटकों ने बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए एक प्रमुख एजेंडे के साथ एक-दूसरे का साथ देने का फैसला किया है. तीनों सहयोगी दलों के नेता यह स्वीकार करने में स्पष्ट थे कि विभाजित एमवीए से बीजेपी को चुनाव में आसानी होगी. अपने लिए महत्वाकांक्षी चुनावी लक्ष्य निर्धारित करने के बावजूद बीजेपी का मानना ​​है कि अगर उद्धव सेना, एनसीपी और कांग्रेस आगामी चुनाव एक साथ लड़ेंगे, तो इस कदम से उनके जनाधार मजबूत होंगे. ऐसा होने से भगवा पार्टी की लड़ाई और कठिन हो जाएगी.

हालांकि स्थानीय निकाय चुनावों पर कोई भी फैसला इलाकों से मिले इनपुट के आधार पर लिया जाएगा. महाराष्ट्र में सबसे महत्वपूर्ण माने जानी वाली स्थानीय संस्था बीएमसी का भी चुनाव हाल ही में होने वाला है. बीएमसी पर लंबे समय से शिवसेना का दबदबा रहा है. फिलहाल राज्य की सत्ता से उद्धव ठाकरे को बेदखल करने वाली बीजेपी और उसके सहयोगी एकनाथ शिंदे की निगाह बीएमसी पर से शिवसेना के वर्चस्व को खत्म करने पर लगी है. ऐसे में अगर महा विकास अघाड़ी के सभी दल बीएमसी चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारते हैं तो शिवसेना को झटका लग सकता है. अगर बीएमसी से शिवसेना का कब्जा खत्म हो गया तो उसका आर्थिक आधार काफी हद तक कमजोर हो सकता है.

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