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बुढापा पेंशन का लाभ केवल जरूरतमंद को ही मिले : डॉ. बलजीत कौर

चंडीगढ़ : सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने राज्य के समूह ज़िला सामाजिक सुरक्षा अफसरों को हिदायत की है कि 15 दिनों के अंदर-अंदर असली बुढापा पेंशन लाभार्थियों की आय संबंधी दस्तावेज़ हासिल किए जाएँ जिससे बुढापा पेंशन का लाभ जरूरतमंद और योग्य व्यक्तियों को ही मिल सके।

डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि पेंशन संबंधी कार्रवाई के दौरान सामने आया कि जे फार्म होल्डरों के बीच में से 63424 ऐसे व्यक्ति हैं जो विभाग की तरफ से बुढापा पेंशन ले रहे हैं। इनकी सालाना आय 60000/- रुपए से अधिक है। जबकि बुढापा पेंशन के लिए लाभार्थी की सालाना आय 60000/- रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए वचनबद्ध है।

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि विभाग के कई बुढापा पेंशनर किसान वर्ग से भी सम्बन्धित हैं। पंजाब राज्य मंडी बोर्ड की तरफ से किसानों को उनकी फ़सल बेचने के उपरांत हुई आय के बारे जे फार्म जारी किए जाते हैं। उनकी सालाना आय का सही पता लगाने के मंतव्य से विभाग की तरफ से पंजाब राज्य मंडी बोर्ड के डाटा से मिलान किया गया।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पॉलिसी के अनुसार पेंशन का लाभ केवल जरूरतमंद और योग्य व्यक्ति को ही मिलना चाहिए जो नियमों अनुसार शर्ते पूरी करता है। ऐसे व्यक्तियों की पहचान करने के उपरांत मंत्री ने ज़िला अधिकारियों को हिदायतें की कि संबंधित व्यक्तियों को 15 दिनों का नोटिस जारी किया जाए।

नोटिस प्राप्त होने से 15 दिनों के अंदर-अंदर लाभार्थी अपनी आय सम्बन्धी दस्तावेज़ (जैसे कि आय सर्टिफिकेट या अन्य ज़रुरी दस्तावेज़) लेकर अपने जिले के ज़िला सामाजिक सुरक्षा अफ़सर दफ़्तर में पेश होकर अपना पक्ष रख सकते हैं।

मंत्री ने कहा कि इससे पहले भी विभाग द्वारा जुलाई 2022 के दौरान पंजाब राज्य में आंगनवाड़ी वर्करों द्वारा बुढ़ापा पेंशन ले रहे लाभार्थी का सर्वे करवाया था। जिसके अनुसार 90248 लाभार्थी मृतक पाए गए थे। विभाग की तरफ से लाभार्थियों के वारिसों से 25.00 करोड़ रुपए की रिकवरी की गई थी। मंत्री की तरफ से अधिकारियों को दी हिदायतों अनुसार पंजाब में आंगनवाड़ी वर्करों द्वारा मृतक लाभार्थियों का सर्वे करवाने सम्बन्धी फिर कार्रवाई आरंभ की जा चुकी है।

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