अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान ने मिसाइल मामले पर भारत की प्रतिक्रिया को खारिज किया, संयुक्त जांच की मांग की

इस्लामाबाद. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Pakistan’s Foreign Minister Shah Mehmood Qureshi) ने मंगलवार को भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) द्वारा एक मिसाइल के “अचानक चल जाने” के बारे में संसद में दिए गए जवाब को “अपूर्ण और अपर्याप्त” बताते हुए खारिज कर दिया और एक बार फिर घटना की संयुक्त जांच की मांग की।

यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, कुरैशी ने नौ मार्च को भारत से मिसाइल दागे जाने के साथ-साथ 22-23 मार्च को पाकिस्तान द्वारा आयोजित किए जा रहे इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों की परिषद के बारे में विस्तार से बात की। कुरैशी ने पिछले सप्ताह इस्लामाबाद द्वारा की गई मांग को दोहराते हुए कहा, ‘‘भारत के रक्षा मंत्री ने लोकसभा में जो कहा वह अधूरा और अपर्याप्त है। यह पाकिस्तान को संतुष्ट करने के लिए काफी नहीं है। मैं इसे खारिज करता हूं और संयुक्त जांच की मांग करता हूं।”

कुरैशी ने कहा, ‘‘यह बेहद गैरजिम्मेदाराना हरकत थी और दिया गया जवाब भी उतना ही गैर जिम्मेदाराना है।” दुर्घटनावश मिसाइल चलने की घटना पर खेद प्रकट करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संसद में कहा कि सरकार ने इस घटना को बहुत ही गंभीरता से लिया है तथा उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं। इस घटना पर पहले राज्यसभा और बाद में लोकसभा में दिये गए बयान में रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की मिसाइल प्रणाली अत्यंत सुरक्षित और भरोसेमंद है तथा देश का रक्षा प्रतिष्ठान सुरक्षित प्रक्रियाओं तथा मानकों को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है।

सिंह ने कहा, ‘‘नौ मार्च को अनजाने में जो मिसाइल चल गई, उसके लिए खेद है।” रक्षा मंत्री ने कहा कि मिसाइल यूनिट के नियमित रख-रखाव और निरीक्षण के दौरान गलती से एक मिसाइल छूट गयी। उन्होंने कहा कि बाद में पता चला कि मिसाइल पाकिस्तान के इलाके में गिरी थी और यह घटना खेदजनक है। कुरैशी ने अफसोस जताया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय भारतीय मिसाइल प्रक्षेपण की गंभीरता को महसूस करने में विफल रहा है जबकि यह परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम था और इसके परिणामस्वरूप परमाणु विस्फोट हो सकता था।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘एक तरफा जांच पर्याप्त नहीं है। इसका प्रभाव क्षेत्र से बहुत दूर हो सकता है, क्योंकि मिसाइल एक युद्धक सामग्री ले जाने में सक्षम थी। यह कहना कि यह एक दुर्घटना थी, यह पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी वायु सेना हालात को सही से नहीं संभालती तो मिसाइल दागे जाने की घटना पर उसी तरह की आकस्मिक प्रतिक्रिया हो सकती थी। क्या लोगों को इसके निहितार्थ और परिणामों का एहसास है? यह बहुत गंभीर है।”

उन्होंने कहा कि अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मुद्दे के महत्व को महसूस करते हुए इस बारे में पूछे गए सवाल को टाल दिया और स्पष्ट रुख नहीं अपनाया। उन्होंने कहा, ‘‘क्या उन्हें एहसास है कि मैं (अमेरिका और बाकी दुनिया) को संबोधित कर रहा हूं कि इस मिसाइल के परिणामस्वरूप दो परमाणु संपन्न देशों के बीच युद्ध हो सकता है? मैं इस बारे में बढ़ा चढ़ाकर बातें नहीं कर रहा हूं, लेकिन यह एक यथार्थवादी आकलन है।” यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान भी भारत के खिलाफ अचानक मिसाइल चल जाने की घटना का जवाब देगा, उन्होंने कहा, ‘‘हम जिम्मेदार लोग हैं और भारत से जिम्मेदार बनने की उम्मीद करते हैं।”

कुरैशी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संवेदनशील बनाने के लिए उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस से मिसाइल मुद्दे पर बात की। विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासचिव और सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष को एक पत्र के जरिए सूचित किया और उन्हें अपनी जिम्मेदारियों से अवगत कराने की कोशिश की कि यह घटना हुई और दुनिया ने चुप्पी साध ली।

कुरैशी ने भारतीय मिसाइल प्रक्षेपण के संबंध में पाकिस्तान के विदेश कार्यालय द्वारा पूछे गए सवालों को दोहराया और नयी दिल्ली से इसका जवाब देने को कहा। ओआईसी की आगामी बैठक के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि कश्मीर पर उसके संपर्क समूह की बैठक कश्मीर में मौजूदा स्थिति की समीक्षा के लिए होगी।

भारत ने पूर्व में ओआईसी के अधिकार क्षेत्र को खारिज कर दिया था और कहा था कि भारत के खिलाफ अपने नापाक प्रचार को आगे बढ़ाने के लिए संगठन पर निहित ताकतों द्वारा कब्जा किया जा रहा है।

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