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राजस्थान राज्यसभा चुनाव: कांग्रेस-बीजेपी की रणनीति पर टिकी निगाहें

जयपुर । राजस्थान में चार राज्यसभा सीटों के चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान हो चुका है। ऐसे में राजनीतिक दलों में गतिविधियां तेज हो गई हैं। बीजेपी ने दो राज्यसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए है। चार सीटों पर राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान 10 जून को होगा।

वर्तमान में कांग्रेस के पास 108 सीटें हैं। यहां दो सीटों पर जीत के लिए 82 मतों की जरूरत है। ऐसे में दो सीटों पर कांग्रेस की जीत पक्की मानी जा रही है। 108 सीटों में से 82 वोट दो सीटें जीतने में मदद करेंगे और कांग्रेस के पास 26 अतिरिक्त वोट बचे रहेंगे।

राज्यसभा चुनाव में पहली सीट के लिए 41-41 वोटों की जरूरत है। 13 निर्दलीय विधायक और राष्ट्रीय लोक दल का एक विधायक इस समय कांग्रेस के साथ गठबंधन में है। माकपा और भारतीय ट्राइबल पार्टी ऑफ इंडिया को दो-दो वोट मिले हैं। बीटीपी ने हाल ही में राज्य कांग्रेस के साथ अपने सभी संबंध खत्म होने की घोषणा की है।

ऐसे में सभी की निगाहें भाजपा पर टिकी हैं कि वह इस स्थिति को कैसे भुनाने की कोशिश करेगी।

भाजपा के 71 विधायक हैं। इसलिए एक सीट पर पार्टी की जीत पक्की मानी जा रही है, जबकि दूसरी सीट के लिए 11 वोटों की कमी देखी जा रही हैं।

नामांकन दाखिल करने से पहले ही, भाजपा नेता राजेंद्र राठौर ने कहा कि पार्टी दूसरी सीट खाली नहीं जाने देगी। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास 30 सरप्लस वोट हैं। उन 30 वोटों का उपयोग कैसे किया जाएगा यह समय आने पर पता चलेगा।

राठौर ने दावा किया कि कांग्रेस की खींचतान के कारण भाजपा दूसरी सीट जीत सकती है।

भाजपा नेताओं ने दो सीटों पर अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया है। सूत्रों ने कहा कि संभावना है कि अपने हिस्से को सुरक्षित रखने के लिए विधायकों को एक बार फिर से दूरस्थ होटलों में ले जाया जाएगा।

राज्यसभा का चुनाव राजनीतिक दलों द्वारा जीते गए विधायकों की संख्या के आधार पर किया जाता है।

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