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आम-आदमी के लिए मुश्किलें खड़ी की सब्जियों के रेट, RBI गवर्नर ने दिया बड़ा सुझाव

नई दिल्‍ली : महंगाई एक बार फिर आम-आदमी के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है। जुलाई में रिटेल इन्फ्लेशन रेट 15 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। बीते महीने देश में खुदरा महंगाई दर 7.44 प्रतिशत थी।

महंगाई एक बार फिर आम-आदमी के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है। जुलाई में रिटेल इन्फ्लेशन रेट 15 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। बीते महीने देश में खुदरा महंगाई दर 7.44 प्रतिशत थी। लेकिन अब कीमतों में गिरावट देखने को मिल सकती है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्ति कांत दास ने बुधवार को कहा कि सितंबर से सब्जियों कीमतों में गिरावट देखने को मिल सकती है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी को मुद्रास्फीति पर काबू पाने के रास्ते में जोखिम बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे झटकों में कमी लाने के लिए आपूर्ति सुधारने के लिए समयबद्ध प्रयासों की जरूरत है।

हालांकि उन्होंने कहा कि आरबीआई इसके लिए सजग रहेगा कि इन आघातों के दूसरे दौर के प्रभाव न सामने आएं। उन्होंने कहा, “खाद्य कीमतों में बार-बार हो रही बढ़ोतरी का झटका मुद्रास्फीति अपेक्षाओं को स्थिर करने के लिए जोखिम पैदा करता है। खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी का दौर सितंबर, 2022 से ही चल रहा है।” इसके साथ ही उन्होंने आपूर्ति पक्ष से जुड़े सतत एवं समयबद्ध हस्तक्षेप को भी इस तरह के झटकों की गंभीरता एवं अवधि कम करने के लिए जरूरी बताया।

उन्होंने कहा कि आरबीआई मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत पर रखने के लक्ष्य को लेकर प्रतिबद्ध है और देश में ऊंची ब्याज दरें लंबे समय तक रहने वाली हैं। आरबीआई ने पिछले साल फरवरी में रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ने के बाद से मुद्रास्फीति में आई तेजी के बीच ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी कर इसे 6.50 प्रतिशत तक पहुंचा दिया है। आरबीआई ने मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए ऐसा किया है।

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