अन्तर्राष्ट्रीय

नाटो देशों की चौखट पर रूस रखेगा परमाणु हथियार, पश्चिमी देशों में मचा हड़कंप

नई दिल्ली : रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच परमाणु हमले का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के एलान के बाद बेलारूस ने भी साफ कर दिया है कि वह अपने देश में रूस के टैक्टिकल न्यूक्लियर हथियार को तैनात करने के लिए मंजूरी दे चुका है। सबसे बड़ी बात ये है कि रूस के इस परमाणु हथियारों की तैनाती नाटो देशों के चौखट पर ही होगी। मतलब नाटो सदस्य देशों के ठीक बॉर्डर पर ये हथियार रखे जाएंगे। ऐसा करने से रूस पश्चिमी देशों के बिल्कुल करीब पहुंच जाएगा।

बेलारूस में रूसी राजदूत बोरिस ग्रिजलोव ने बेलारूसी राज्य टेलीविजन को बताया, ‘हथियारों को हमारे संघ राज्य की पश्चिमी सीमा पर ले जाया जाएगा और सुरक्षा सुनिश्चित करने की संभावनाओं को बढ़ाएगा।’ उन्होंने आगे कहा, ‘यह यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका में शोर के बावजूद किया जाएगा।’

हालांकि, ग्रीजलोव ने यह नहीं बताया कि हथियार कहां तैनात किए जाएंगे, लेकिन ये जरूर साफ कर दिया कि एक जुलाई तक पुतिन के आदेश के अनुसार बेलारूस के पश्चिम में परमाणु हथियार तैनात कर दी जाएगी। बेलारूस के उत्तर में लिथुआनिया और लातविया की सीमाएं हैं और पश्चिम में पोलैंड। ये सभी नाटो सदस्य देश हैं। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद इन सीमाओं पर अतिरिक्त सैनिकों और सैन्य उपकरणों की तैनाती की गई है।

रूस का कहना है कि बेलारूस में इन हथियारों की तैनाती ठीक उसी तरह होगी, जैसी अमेरिका ने नाटो देशों में अपने पमाणु बम तैनात किए हैं। बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको का कहना है कि वह चाहेंगे कि रूस अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइलों को भी तैनात करें। उनका कहना है कि रूस के परमाणु हथियारों की तैनाती उनके देश को सुरक्षा प्रदान करेगा। हाल ही में उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर पुतिन हारते हैं तो परमाणु युद्ध हो सकता है।

पिछले दिनों रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि रूस इस साल एक जुलाई तक बेलारूस में टैक्टिकल वीपन्स के भंडारण के लिए बनाई जा रहा स्टोरेज यूनिट का काम पूरा कर लेगा। उन्होंने आगे बताया कि रूस ने पहले ही परमाणु मिसाइलें लॉन्च करने के लिए जरूरी कुछ इस्कंदर मिसाइल सिस्टम बेलारूस भेज दिए हैं।

1990 के दशक के मध्य के बाद ये पहली बार है जब रूस अपने परमाणु हथियार अपने देश से बाहर अपने किसी मित्र देश में तैनात कर रहा है। 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद रूस के हथियार नए स्वतंत्र हुए चार देशों में रह गए थे- रूस, यूक्रेन, बेलारूस और कजाकस्तान। इन सभी हथियारों को साल 1996 तक रूस लाने का काम पूरा कर लिया गया था।

बेलारूस में परमाणु हथियार तैनात करने के पुतिन की इस घोषणा के बाद अमेरिका का भी बयान सामने आया है। अमेरिका ने कहा है कि उसे यकीन है कि रूस परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के बारे में विचार नहीं कर रहा। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, ‘हमें कोई वजह नहीं मिलती कि हम रणनीतिक तौर पर अहम अपने हथियारों को लेकर अपनी स्ट्रेटेजी न बदलें।’ मंत्रालय ने ये आगे कहा, ‘नेटो सैन्य गठबंधन में शामिल देशों की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।’

बता दें कि इस हफ्ते की शुरुआत में ही 18 देशों ने यूक्रेन की मदद को हाथ बढ़ाया है। इन देशों ने यूक्रेन को अगले साल कम से कम दस लाख तोपों के गोलों की आपूर्ति करने का भरोसा दिलाया है। इसके लिए समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने हाल ही में एक जापानी अखबार को इंटरव्यू दिया है। इसमें उन्होंने कहा है कि देश के पूर्वी हिस्से में रूस पर जवाबी हमला यूक्रेन तब तक नहीं करेगा जब तक मित्र देशों से गोला-बारूद नहीं आ जाता।

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