श्रमिकों के संकट में सहारा देने वाली अद्भुत योजना है संबल : मुख्यमंत्री चौहान
भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि संबल-2.0 योजना का लाभ सभी श्रमिकों के परिवार को मिलेगा। यह योजना हितग्राहियों को पूरे जीवन में संकट और आर्थिक आवश्यकता की स्थितियों में लाभान्वित करने वाली अद्भुत योजना है। योजना गरीबों का संबल है। चाहे आकस्मिक दुर्घटना हो या बीमारी के समय आर्थिक सहारा देने की बात हो या फिर हितग्राही परिवार के किसी परिजन की मृत्यु का मामला हो, संबल योजना श्रमिकों को बाधाओं से पार कराकर मदद पहुँचाने के लिए बनाई गई थी। वर्ष 2018 में इस योजना का क्रियान्वयन प्रारंभ हुआ था। पूर्व सरकार ने योजना के क्रियान्वयन पर ध्यान नहीं दिया और बंद कर दिया। हितग्राहियों के नाम सूचियों से काट दिए गए। अनेक गरीब इसके लाभ से वंचित रह गए। अब हमने इसे पूरे जोर-शोर से लागू करने का फैसला लिया है।
मुख्यमंत्री चौहान आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय से सिंगल क्लिक द्वारा प्रदेश के सभी जिलों के श्रमिक परिवारों को संबल योजना में राशि का अंतरण कर रहे थे। मुख्यमंत्री चौहान ने हितग्राही श्रमिक परिवारों से संवाद भी किया। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय के दर्शन के अनुरूप समाज के अंतिम व्यक्ति तक सहायता पहुँचाने के उद्देश्य से संबल योजना को नए सिरे से लागू किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री चौहान ने आज सिंगल क्लिक द्वारा संबल योजना के 25 हजार 982 श्रमिक परिवारों को 551 करोड़ 16 लाख तथा 1036 निर्माण श्रमिकों को 22 करोड़ 23 लाख रूपए, इस तरह कुल 27 हजार 18 प्रकरणों में 573 करोड़ 39 लाख रूपये हितग्राहियों के खातों में अंतरित किए।
नए हितग्राहियों को जोड़ने की व्यवस्था
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने संबल योजना को अधिक हितग्राहीमूलक बनाते हुए नए स्वरूप का निर्धारण किया है। साथ ही अब योजना में हितग्राहियों को जोड़ने की कार्यवाही भी प्रारंभ हो जाएगी। नवीन पंजीयन प्रक्रिया में प्रदेश के लाखों तेंदूपत्ता संग्राहकों को भी असंगठित श्रमिक के रूप में शामिल किया गया है। योजना के लिए आवेदन एमपी ऑनलाइन, नागरिक सुविधा और लोक सेवा केंद्रों से किए जाने की सुविधा की गई है। संबल-2.0 योजना में वे श्रमिक भी नए सिरे से आवेदन कर सकेंगे, जिन्हें पूर्व में अपात्र घोषित कर दिया गया था। आवेदन प्राप्त होने के बाद अब प्रत्येक स्तर पर ट्रेकिंग से हितग्राही को लाभ दिलवाने का कार्य सुनिश्चित किया जाएगा।
मृत्यु और अपंगता की स्थिति में मिलता है आर्थिक सहारा
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि संबल 2.0 योजना में यह भी प्रावधान है कि हितग्राही आवेदन निरस्त होने पर अपील कर सकेगा। असंगठित क्षेत्र के लाखों श्रमिक भाइयों को अनुग्रह सहायता योजना में दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर परिवार को 4 लाख रूपए की राशि दी जाती है। सामान्य दशा में मृत्यु होने पर भी 2 लाख रूपए प्रदान किए जाते हैं। यही नहीं स्थाई अपंगता पर 2 लाख रूपए, आंशिक अपंगता पर एक लाख रूपए प्रदान किए जाते हैं। अंतिम संस्कार सहायता के रूप में 5 हजार रूपए की राशि दी जाती है। योजना के पात्र वे सब श्रमिक हैं, जिन्हें भविष्य निधि, कर्मचारी राज्य बीमा योजना, ग्रेच्युटी आदि सामाजिक सुरक्षा का लाभ प्राप्त नहीं होता है। हितग्राही के परिवार के पास एक हेक्टेयर से कम कृषि भूमि होने, शासकीय सेवा में न होने और आयकर दाता न होने पर पात्रता प्राप्त होती है।
प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से मध्यप्रदेश में श्रमिकों को पूरी सहायता
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्ट्रीट वेंडर्स के कल्याण के लिए ठोस कदम उठाए। उनकी प्रेरणा से मध्यप्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की सहायता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हम देखते हैं कि आज छोटा-मोटा कृषि कार्य करने वाले मुश्किल से पेट भर पाते हैं। हमारे छोटे- छोटे सब्जी बेचने वाले विक्रेता, मजदूरी करने वाले, तेंदूपत्ता संग्राहक, चाय की दुकान चलाने वाले तथा अन्य वस्तुएँ बेचने वाले संगठित और असंगठित क्षेत्र के सभी सदस्य इस योजना में शामिल होंगे। सभी पात्र हितग्राहियों को योजना से जोड़ा जाएगा। संकट के समय सरकार श्रमिकों के साथ खड़ी है। मध्यप्रदेश सरकार असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के कल्याण पर भी प्राथमिकता से कार्य कर रही है। आज जो पोर्टल लाँच किया गया है, वह भी योजना को गति प्रदान करेगा। हितग्राही अब लोक सेवा केंद्रों से आवेदन दे सकते हैं। उन्हें दफ्तरों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी, सभी के नाम योजना की हितग्राही सूची में जोड़े जाएंगे।
इस मानवीय और अद्भुत योजना का अधिक से अधिक प्रचार कर पहुँचाये जरूरतमंदों को सहायता
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है। ग्राम पंचायत और अन्य संस्थाओं में इस अभिनव और अद्भुत योजना की सूचना पहुँचाई जा रही है। सरकार विभिन्न समाचार-पत्रों और प्रसार माध्यम से भी इसका प्रचार करेगी। यह एक मानवीय योजना है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जो महिलाएँ प्रसव के समय पर्याप्त आराम नहीं कर पाती, उन्हें योजना में 16 हजार रूपए की राशि दी जाएगी। प्रसव के पूर्व दी जाने वाली सहायता पहले 4 हजार और प्रसव के पश्चात दी जाने वाली सहायता राशि 12 हजार रूपये है। यह योजना बहनों के लिए प्रसूति के कष्ट दूर करने में सहायक सिद्ध होगी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बुद्धि का निर्धनता से कोई संबंध नहीं है। अभावग्रस्त परिवारों में भी प्रतिभावान बच्चे होते हैं। श्रमिकों के बच्चों को स्कूल जाने के लिए साइकिल प्रदान की जाएगी और उच्च शिक्षा के लिए प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को सहायता दी जाएगी। अपने लाभकारी प्रावधानों की वजह से संबल योजना सभी के साथ न्याय करेगी। विद्यार्थियों के बढ़ते कदम नहीं रूकेंगे। उन्हें सक्षम बनाकर राष्ट्र सेवा के लिए तैयार किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कैंसर जैसे रोगों के उपचार की व्यवस्था भी योजना में है। मुख्यमंत्री चौहान ने योजना का लाभ अधिक से अधिक हितग्राहियों तक पहुँचाने के लिए सभी अधिकारी, कर्मचारियों और जन-प्रतिनिधियों द्वारा प्रचार का आग्रह किया। इससे जरूरतमंद लोगों को मदद पहुँचाने के प्रयास सार्थक होंगे।
प्रारंभ में श्रम एवं खनिज साधन मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान ने संबल योजना को वर्ष 2018 में लागू किया था। जन्म से लेकर मृत्यु तक जीवन के विभिन्न चरण में इस योजना का लाभ मिलता है। प्रदेश में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की संख्या 13 लाख 45 हजार है। इनके लिए 19 योजनाएँ संचालित हैं। गत वित्त वर्ष में एक लाख 81 हजार प्रकरणों में 557 करोड़ 45 लाख की राशि प्रदान की गई। दुर्घटना मृत्यु के प्रकरणों में 535 करोड़, सामान्य मृत्यु के प्रकरणों में 21 करोड़, अपंगता के प्रकरणों में 3 करोड़ 4 लाख रूपए की राशि प्रदान की जा चुकी है। अंत्येष्टि सहायता के रूप में 2 लाख से अधिक प्रकरणों में 105 करोड़ रूपए की राशि दी जा चुकी है। आज श्रमिकों के हित में संबल-2 योजना का शुभारंभ हो रहा है। मुख्यमंत्री चौहान की पहल से तकनीकी शिक्षा क्षेत्र में क्रिस्प संस्था द्वारा कौशल प्रशिक्षण का लाभ भी श्रमिकों के बच्चों को मिलेगा। मध्यप्रदेश ऐसा राज्य है, जहाँ चार श्रमोदय विद्यालय संचालित हैं। प्रवासी श्रमिकों को भी कोरोना काल में पूरी सहायता दी गई। आज भी मुख्यमंत्री चौहान ने करीब 600 करोड़ रूपए की राशि का अंतरण श्रमिकों के खाते में किया है। मध्यप्रदेश सरकार श्रमिकों का अधिकाधिक ध्यान रखती है।
संबल -2.0 की प्रमुख विशेषताएँ
जहाँ संबल 1.0 योजना में पंजीयन के लिए 2018 में प्रारंभ की गई व्यवस्था वर्ष 2019 में बंद कर दी गई थी, उसे अब पुन: प्रारंभ किया गया है। अक्टूबर 2018 के बाद 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके पात्र असंगठित श्रमिक और तेंदूपत्ता संग्राहक का पंजीयन प्रारंभ हो गया है। पूर्व में जिन्हें पंजीयन कार्ड नहीं दिए गए थे, अब उन्हें पंजीयन कार्ड जारी किए जा रहे हैं। पहले योजना में पंजीयन के समय पात्रता संबंधी बिन्दुओं पर स्व-घोषणा थी। अब पंजीयन के समय पात्रता संबंधी बिन्दुओं की जाँच का प्रावधान किया गया है। आवेदक परिवार के अन्य सदस्य और आसपास के व्यक्तियों के कथन और फोटो को आधार बनाया गया है। पहले हितग्राहियों के हाथों के सत्यापन की व्यवस्था नहीं थी, जो अब कर दी गई है। इसी तरह आधार ई-केवाईसी और मृतक के आधार विवरण लेने की व्यवस्था प्रारंभ की गई है। अब वास्तविक हितग्राही का चिन्हांकन और आधार जानकारी का अपडेशन हो सकेगा। एक व्यक्ति एक खाता संबंधी व्यवस्था पोर्टल से रहेगी। पंजीयन और हित लाभ के आवेदन भौतिक रूप से जनपद एवं निकाय में जमा होते थे, जिन्हें ऑनलाइन जमा करने की व्यवस्था पोर्टल के माध्यम से की गई है। एसएमएस से ट्रेकिंग करना भी संभव होगा।
मुख्यमंत्री चौहान का हितग्राहियों से संवाद
मुख्यमंत्री चौहान ने शहडोल, पन्ना, मंदसौर, झाबुआ और सिंगरौली जिले के हितग्राहियों से संवाद किया। उन्होंने हितग्राहियों से चर्चा कर संबल योजना के साथ ही अन्य शासकीय योजनाओं से मिल रहे लाभ के बारे में जानकारी प्राप्त की। हितग्राहियों में शहडोल की श्रीमती फूलबाई बैगा, पन्ना के राजाराम अहिरवार, मंदसौर की श्रीमती संतोष बाई, झाबुआ की श्रीमती पप्पी राठौर और सिंगरौली की श्रीमती पूनम चौरसिया शामिल रही।
मुख्यमंत्री चौहान ने विभिन्न आपदाओं का सामना कर चुके श्रमिक परिवारों से आत्मीयता से बातचीत की। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना, राशन वितरण, आयुष्मान और अन्य योजनाओं से मिलने वाले लाभ के संबंध में भी हितग्राही परिवारों से चर्चा की। आज लाभान्वित हितग्राहियों में श्रीमती फूल बाई के पति लाला बैगा की मृत्यु पर 2 लाख रूपए, राजाराम अहिरवार के पुत्र रविन्द्र अहिरवार की मृत्यु होने पर 4 लाख रूपए, श्रीमती संतोष बाई के पति दुलाजी की मृत्यु पर 2 लाख रूपए, श्रीमती पप्पी राठौर के पति दिनेश राठौर की मृत्यु पर 2 लाख रुपए और श्रीमती पूनम चौरसिया के पति भगवानचन्द्र चौरसिया की मृत्यु पर 2 लाख रूपए दिए।
पोर्टल के शुभारंभ और राशि अंतरण पर प्रमुख सचिव श्रम सचिन सिन्हा, प्रमुख सचिव जनसम्पर्क राघवेन्द्र कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव एम सेल्वेंद्रन, श्रमायुक्त वीरेंद्र सिंह रावत और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।